जमशेदपुर :सोनारी का रहने वाला कारोबारी रवि अग्रवाल ने जिस चालाकी से पत्नी ज्योति उर्फ स्वीटी की हत्या करवायी थी उससे उसे लग रहा था कि वह साफ बच जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. वह तो अपने ही बुने हुए जाल में फंस गया. उसे इसका आभास तक नहीं था. अपने बुने जाल में फंसने में उसे ज्यादा समय नहीं लगा. व्यापारियों के डीसी कार्यालय और टीएमएच पहुंचने के बाद ही पुलिस टीम भांप गई थी कि कहानी कुछ और है.
घटना के बाद पुलिस टीम ने सबसे पहले पंजाब होटल का सीसीटीवी फुटेज खंगाला था. यहां से ही सुराग मिलने लगी थी. इस बीच पुलिस ने रवि के बच्चों से भी पूछताछ की थी. बच्चों ने भी जिस तरह की कहानी बताई उससे भी पुलिस आश्चर्यचकित हो गई थी.
बिष्टूपुर में होने वाली थी हत्या
ज्योति अग्रवाल उर्फ स्वीटी की हत्या कांदरबेड़ा के पहले जमशेदपुर के ही बिष्टूपुर में होने वाली थी. इसके लिए शूटर भी तैयार थे. यहां पर असफल होने के बाद कांदरबेड़ा में योजना बनी थी.
शूटरों से मोबाइल पर टच में था रवि
कारोबारी रवि अग्रवाल शूटरों से मोबाइल से टच में था. वह पल-पल की जानकारी दे रहा था. वह कार में भी संपर्क में था लेकिन कोड वर्ड में बातें कर रहा था.
मंत्री तक से लगाई थी पैरवी
रवि अग्रवाल ने घटना को अंजाम देने के बाद सिंहभूम चैंबर ऑफ कामर्स की मदद से एक मंत्री तक पैरवी लगवाई थी, लेकिन कोई पैरवी काम नहीं आई. अंततः पुलिस ने सबकुछ साफ कर दिया.
एक पल में उजाड़ दिया बच्चों का भविष्य
ज्योति की हत्या के बाद पुलिस का कहना है कि मामले में आरोपी रवि अग्रवाल को कड़ी-से-कड़ी सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा. घटना से सबसे ज्यादा नुकसान ज्योति के बच्चों को हुआ है. बच्चों का भी अपने पिता से भरोसा उठ गया है.