जमशेदपुर : उलीडीह के हयातनगर में 95 लाख रुपये की चोरी होने की शिकायत थाने में किये जाने के मामले में हो सकती है वादी पर ही पुलिस कानूनी कर दें. इस तरह का प्रवधान भी है. लिखित शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आवेदन तो ले लिया था, लेकिन एफआईआर नहीं की थी. अन्यथा कार्रवाई तय थी. मामले में आगे चलकर भी कार्रवाई की जा सकती है. इसके लिए उलीडीह थाना प्रभारी को वरीय पुलिस अधिकारियों से आदेश लेने की जरूरत पड़ेगी.
पुलिस को रखा धोखे में
95 लाख की चोरी की शिकायत आखिर किस उद्देश्य से की गई थी इसकी जांच अभी पुलिस कर रही है. आखिर जब पत्नी ने जेवर को गिरवी रखा था तब इसकी जानकारी पति को कैसे नहीं होगी. पिछले चार सालों से यह सिलसिला जारी है तब इस तरह की चूक कैसे हो सकती है. कुल मिलाकर पुलिस को ही धोखे में रखा गया है.
पत्नी से पूछे बिना कैसे की शिकायत
मामले में मो. अखलाक ने घटना की लिखित शिकायत थाने पर जाकर की थी. अब बात यह उठ रही है कि आखिर शिकायत करने के समय उसने अपनी पत्नी से सलाह-मश्विरा तो किया ही होगा. बावजूद उसकी ओर से ताला तोड़कर चोरी होने की लिखित शिकायत पुलिस के समझ से परे है.
क्या कहते हैं थानेदार
पूरे मामले में उलीडीह थानेदार कुमार अभिषेक का कहना है कि 95 लाख की चोरी का मामला सामने आने पर वे खुद जांच में गए थे. जांच में ही साफ हो गया था कि पूरी कहानी मनगढ़ंत है. न ताला टूटा था और न ही सामान बिखरे हुए थे. आस-पड़ोस में भी कुछ नहीं मिला. एक सवाल के जवाब में कहा कि वरीय अधिकारियों के आदेश पर वादी पर भी कार्रवाई की जा सकती है.