जमशेदपुर : केन्द्रीय सरहुल पूजा समिति ने आगामी 30 मार्च को निर्धारित शोभायात्रा रद्द करने की जिला प्रशासन से मांग की है. इसे लेकर समिति के प्रतिनिधिमंडल ने जिला उपायुक्त अनन्य मित्तल से मुलाकात कर एक मांग पत्र सौंपा है. उसमें कहा गया है कि प्रकृति का महापर्व सरहुल पूजा आगामी 1 अप्रैल को झारखंड समेत अन्य राज्यों में हर्षोल्लास से मनाया जाएगा. इसके उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष केन्द्रीय सरहुल पूजा समिति, पूर्वी सिंहभूम द्वारा एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया जाता है. (नीचे भी पढ़ें)
इसमें आदिवासी एवं मूलवासी समाज के उरांव, हो, मुंडा, भुईयां, तुरी, मुखी, लोहार समेत विभिन्न सामाजिक संगठन के महिला पुरुष, युवक-युवतियां, बच्चे-बच्चियां हजारों की संख्या में अपने पारंपरिक परिधान एवं वाद्य यंत्रों के साथ शामिल होकर आदिवासी एवं मूलवासी एकता का परिचय देते है. बावजूद इसके मुंडा समाज, सोपोडेरा के नाम से 30 मार्च को सरहुल शोभायात्रा निकाली जा रही है. इसका हम सभी आदिवासी एवं मूलवासी समुदाय के लोग विरोध करते हैं. हमें उनके द्वारा शोभायात्रा निकालने से कोई भी आपत्ति नहीं है, हमे आपत्ति है उनके निर्धारित तिथि से. इसकी वजह रांची समेत पूरे झारखंड में सरहुल पर्व 1 अप्रैल को मनाया जाना है. उपायुक्त को सौंपे गए मांग पत्र में कहा गया है कि केन्द्रीय सरहुल पूजा समिति के लोगों ने जब मुंडा समाज केन्द्रीय समिति के पदाधिकारियों जानकारी ली तो उन्होंने भी एक व्यक्ति विशेष द्वारा समाज के लोगों को दिगभ्रमित करने की बात कही. ऐसे में प्रतिनिधिमंडल ने आदिवासी एवं मूलवासी भावना को ध्यान में रखते हुए 30 मार्च को निर्धारित शोभायात्रा को रद्द करने की जिला प्रशासन से मांग की है. (नीचे भी पढ़ें)
प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से किशोर लकड़ा, नंदलाल पातर, राजश्री नाग, राकेश उरांव,राजेश कांडयोंग, जयनारायण मुंडा, गोमिया सुंडी,बुधराम खालको,बबलू खालको, मनीष बांद्रा, चेतन लियांगी लाल मोहन जमुदा,राजन कुजूर, शंभू मुखी दूंगरी, प्रेम आनंद सामद, निकिता सोय बुरुली आदि मुख्य रूप से शामिल रहें.