जमशेदपुर।
साकची स्थित सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यालय में 16 अक्टूबर को बैठक के दौरान हुए विवाद के बाद आरोप प्रत्यारोप की जंग छिड़ चुकी है. सीजीपीसी प्रधान मुखे, उनके साथी और प्रधान पद के उम्मीदवार भगवान सिंह और उनके समर्थक हंगामे को लेकर अपनी सफाई दे रहे हैं. इसी बीच हंगामे के दौरान मुखे और टेल्को गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गुरमीत सिंह तोते को एक साथ विचार करते और फिर मीडिया को संबोधित करते हुए एक साथ खड़े देखकर सिख समाज में खासकर नेताओं में ही जितना मुंह उनती बातें होने लगी है. यह कहा जा रहा है कि भविष्य में नए समीकरण में दोनों एक हो सकते हैं. ऐसी चर्चाओं के बीच ही विवाद के दिन भी सीजीपीसी से बाहर आने पर तोते ने भगवान सिंह और उनके समर्थकों को सफाई दी थी कि मुखे के साथ खड़ा होने पर कुछ मन में नहीं लाना है मैंने उसकी बात का काट किया है. उसके बाद भी तोते का बयान मीडिया में नहीं आने पर सिख नेताओ के बीच अंदर ही अंदर खलबची मची हुई है.
मुखे बात से मुकरे इसलिए हुआ विवाद
मैं जानकारी देना चाहूंगा कि जैसा मुखे ने कहा कि आज के विचार में आपसी एका नहीं बन सकी है. इसका कारण पूर्व का बैकराउंड भी जाता है. जैसा कि पिछले कई दिनों से दो धड़ेबाजी समाज में चल रही थी. एक पांच मेंबरी कमेटी और सीजीपीसी प्रधान मुखे के बीच. जिसमें शैलेंद्र सिंह का नाम आता है. प्रकाश पर्व पर नगर कीर्तन निकाला जाना है. और उसे लेकर विवाद को चल रहा था. इसे निपटाने के लिए बात हुई थी. जो जगह बनी थी कि अकाली दल नगर कीर्तन निकालेगा. जिसकी परवानगी मुखे ने भी दी थी. पांच मेंबरी ने भी 10 को अकाली दल को चिट्ठी दे दी थी. लेकिन पांच मेंबरी कमेटी को भंग करने का फैसला 15 को निकाला गया. उसके बाद मुखे ने कहा कि पांच मेंबरी को रद्द कर दिया गया है, इसलिए सीजीपीसी हेठ नगर कीर्तन निकलेगा, जिसे लेकर विवाद हुआ. जबकि हकीकत यह है कि 20 तक ही कमेटी को रद्द किया है. 20 अक्टूबर को तख्त साहिब का जो निर्णय आयेगा, 23 को उस पर सहमति बनाई जाएगी. अगर तख्त साहिब कहेगा कि सीजीपीसी नगर कीर्तन निकाले तो सभी गुरुद्वारा कमेटियां वह आदेश मानेंगी.