जमशेदपुर : चैती दुर्गा पूजा का समापन सोमवार को मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के साथ हुआ. इस खास मौके पर महिलाओं ने श्रद्धा भाव से माता को सिंदूर अर्पित किया और सिंदूर की होली खेलते हुए मां दुर्गा को अंतिम विदाई दी. चैती नवरात्र के एकादशी तिथि पर महिलाओं ने परंपरागत सिंदूर खेला की रस्म निभाई और माता का आशीर्वाद लिया.
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अखंड सुहाग की कामना की
इससे पूर्व माता की पूजा-अर्चना की गई और उनकी आरती उतारी गई. महिलाओं ने मां को पुष्प, फल, मिष्ठान, माला, धूप, दीप और सिंदूर अर्पित कर सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और अखंड सुहाग की कामना की. इसके साथ ही इस वर्ष की चैती दुर्गा पूजा शांति पूर्ण ढंग से संपन्न हो गई.
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नम आंखों से दी विदाई
मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन शहर भर में धूमधाम से किया गया, जिसमें युवा और महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल हुए. सभी नाचते-गाते पारंपरिक अंदाज में नदी तट पर पहुंचे, जहां उन्होंने मां को नम आंखों से विदाई दी और उनका आशीर्वाद लिया. मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इन्तेजाम किये थे. दंडाधिकारियों के साथ पुलिस बल की तैनाती की गई थी, ताकि सभी श्रद्धालु शांतिपूर्वक माता की विदाई कर सकें.
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क्या है मान्यता
मान्यता है कि नवरात्र के दौरान मां दुर्गा मायके आती हैं. इसलिए दशमी को विदाई के दिन माता को सिंदूर और आलता से रंगा जाता है. यह अखंड सुहाग का भी प्रतीक है. महिलाएं मां को सिंदूर लगाकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है.