Jamshedpur : मंगलवार को नहाय-खाय के साथ सूर्योपासना का महापर्व चैत्री छठ शुरू हो गया। चार दिनों के इस लोक आस्था का महापर्व के पहले दिन मंगलवार को व्रतियों ने सुबह घर की साफ-सफाई के बाद स्नान कर विधि-विधान के साथ भगवान भास्कर की आराधना की। कद्दू-भात का प्रसाद भगवान सूर्य को अर्पित किया गया। इसके बाद वार्तियों ने खुद कद्दू और भात का प्रसाद ग्रहण किया। छह अप्रैल को पूरे दिन उपवास के बाद शाम में खीर और रोटी से खरना होगा। इसके बाद सात अप्रैल को 36 घंटे का निर्जला उपवास रखते हुए छठ व्रती शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे। अगले दिन सुबह 8 अप्रैल को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही यह व्रत पूरा हो जाएगा। चार दिनों के छठ पर्व को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। विधि व्यवस्था को कंट्रोल करने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। चैती छठ पूजा को लेकर बाजार में खरीदारी के लिए भीड़ बढ़ गई है। प्रसाद रखने के लिए बांस से बनी टोकरी, बांस या पीतल के सूप, लोटा, थाली, पीतल के गिलास, चावल, लाल सिंदूर, धूप, दीपक, पानी वाला नारियल, ईख, सेब, संतरा, कागजी नीबू, अदरख, मूली, हल्दी के पौधे, गगरा, गन्ना, नए वस्त्र जैसे साड़ी-कुर्ता पजामा आदि की खरीदारी की जा रही है। इसके साथ ही पूजन सामग्री की दुकानों पर भी भीड़ है।