अशोक कुमार
टाटा-बादामपहाड़ पैसेंजर ट्रेन अबतक कोयला और डिजल से ही चला करती है, लेकिन बहुत जल्द ही इसे बिजली से चलाया जाएगा। इसके लिए रेलवे ट्रैक के किनारे बिजली खंभा और तार लगाने का काम लगभग में पूरा कर लिया गया है। यह काम पूरा होते ही ट्रेन को मॉडल रूप दे दिया जाएगा। ट्रेन यात्रियों को भी ट्रेन पर सवार होते समय पहले जैसी ट्रेन नहीं लगेगी।
आमदनी नहीं होने से अबतक उपेक्षित थी ट्रेन
टाटा-बादामपहाड़ पैसेंजर ट्रेन से रेलवे को आर्थिक आमदनी नहीं होने के कारण ही इस ट्रेन को अबतक रेलवे की ओर से उपेक्षित करके रखा गया था। अब ऐसा नहीं है आजादी के सालों बाद इस रेलखंड को भी मॉडल रूप देने का काम किया जा रहा है। यह रेल मंडल के अधिकारियों का ही प्रयास है कि गांव के लोग भी अब खुद को उपेक्षित महसूस नहीं करेंगे।
समय पर गंतव्य को पहुंचेगी ट्रेन
टाटा-बादामपहाड़ ट्रेन को जब बिजली से चलाया जाएगा, तब यह ट्रेन अपने निर्धारित समय पर ही गंतव्य को पहुंचेगी। फिलहाल ट्रेन शायद ही कभी समय पर टाटानगर रेलवे स्टेशन और बादामपहाड़ स्टेशन पर पहुंचती है।
ट्रेन पर होता है टीटीई का अभाव
इस ट्रेन पर आम तौर पर काफी गरीब और निम्न स्तर के यात्री ही यात्रा करते हैं। अधिकांश यात्री तो ट्रेन का टिकट भी लेना उचित नहीं समझते हैं। इस कारण ही ट्रेन पर टीटीई भी सवार कम ही होते हैं। यात्रियों की टिकटों की भी जांच ना के बराबर ही होती है। अगर टीटीई टिकट मांग दिया तब मारपीट तक की नौबत उत्पन्न होने लगती है।
यात्रियों की सेवा के लिए अबतक चल रही थी ट्रेन
इस ट्रेन को अबतक रेलवे की ओर से यात्रियों की सेवा के लिए ही चलाने का काम किया जा रहा है, लेकिन बिजली से ट्रेन को चलाते ही रेलवे की ओर से कुछ बदलाव किए जाएंगे। रेल यात्री बिन टिकट के सवार नहीं हो सकेंगे। रेल अधिकारी इसको लेकर कुछ खास योजना बना रहे हैं। ट्रेन का लाभ रेलवे को भी मिले और रेलवे की ओर से भी अन्य ट्रेनों की तरह ही इस ट्रेन में भी सुविधाएं दे सकती है। इसके लिए रेल अधिकारियों ने यात्रियों से सहयोग करने की अपील भी की है।