Ashok Kumar
जमशेदपुर : उलीडीह के शंकोसाई रोड नंबर तीन निवासी सिविल कांट्रेक्टर सुनील पांडेय (54) का अपहरण 12 दिसंबर 2022 को हुआ था. घटना के तीन माह के बाद भी पुलिस को मामले में किसी तरह का सुराग हाथ नहीं लगा है. अब परिवार के लोग जानना चाह रहे हैं कि क्या उन्हें जमीन खा गई या आसमान निगल गया. आखिर उनका क्या हुआ. आखिर पुलिस को सुराग क्यों नहीं मिल रही है. पुलिस तो बार-बार कहती है कि सुराग हाथ लगा है, लेकिन नतिजा कुछ भी सामने नहीं आता है. पुलिस की ओर से सिर्फ यही जवाब मिलता है कि मामले की जांच की जा रही है.
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ओड़िशा, झारखंड और बंगाल में छापेमारी कर चुकी है पुलिस
इस मामले में उलीडीह पुलिस अबतक ओड़िशा, झारखंड और बंगाल में छापेमारी कर चुकी है. छापेमारी के बाद भी पुलिस हाथ कुछ भी नहीं लग रहा है. परिवार के लोग अब इस मामले में एक बार फिर से एसएसपी से मिलने की बात कह रहे हैं.
आरोपियों ने घटना के बाद भी किया था फोन
फोन करने वाले आरोपियों ने पहले दिन कहा था कि रुपये कहां पहुंचाना है इसकी जानकारी दे दी जायेगी. उसके हिसाब से आरोपियों ने दो दिनों के बाद फोन किया था, लेकिन पुलिस आरोपी का अबतक पता नहीं लगा पायी है. इधर अपहरण की घटना के बाद से ही परिवार के लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. परिवार के लोग मीडिया से भी सवाल-जवाब करने से नहीं चूक रहे हैं. परिवार के लोग तो एसएसपी ऑफिस के बाहर धरना देकर भी अपना आक्रोश व्यक्त कर चुके हैं.
क्या है मामला
घटना के संबंध में सुनील पांडेय की बेटी ज्योति पांडेय ने पुलिस को बताया था कि पापा 12 दिसंबर को यह कहकर घर से निकले थे कि वे टेल्को के जोजोबेड़ा की तरफ काम से जा रहे हैं. 13 दिसंबर को भी वे घर पर नहीं लौटे. इस बीच रात के 8.57 बजे उनकी मोबाइल से ज्योति के दादाजी की मोबाइल पर फोन आया था. अज्ञात व्यक्ति ने पापा को फोन दिया. इस बीच पापा ने कहा कि पांच लाख रुपये इंतजाम करके दे दो नहीं तो ये लोग मुझे मार देंगे. इसके बाद फिर उसी रात 8.59 बजे फोन आया और कहा कि पांच लाख रुपये पहले हमसे लिया था. 14 दिसंबर की दोपहर 12 बजे तक 10 लाख रुपये मिल जानी चाहिये नहीं तो सुनील पांडेय को मार देंगे.
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