जमशेदपुर।
झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष गुरचरण सिंह बिल्ला पर जानलेवा हमला मामले में जमशेदपुर के सत्र न्यायालय में साकची गुरुद्वारा कमेटी के महासचिव शमशेर सिंह सोने की गवाही हुई. उन्होंने अभियोजन का समर्थन किया. इस दौरान आरोपी सेंट्रल गुरुद्वारा गुरमुख सिंह, अमरजीत सिंह अंबे एवं बूढ़ा ने सशरीर अपनी पेशी दी.
मामले की सुनवाई कर रहे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (iv) राजेंद्र कुमार सिन्हा के न्यायालय को शमशेर सिंह सोनी ने बताया कि सुबह तकरीबन 5: 20 बजे उन्हें फोन पर सूचना मिली कि सुबह 4:15 बजे गुरचरण सिंह बिल्ला को सीतारामडेरा गुरुद्वारा जाने के क्रम में अज्ञात अपराधियों द्वारा गोली मार कर जख्मी कर दिया गया है, जिसका इलाज टीएमएच में चल रहा है. वे टीएमएच पहुंचे. बिल्ला इमरजेंसी वार्ड में थे. उन्हें तीन गोलियां लगने की बात बताई गई और यह भी बताया गया कि डॉक्टर इलाज कर रहे हैं.
इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि बिल्ला रोज सुबह 4:00 बजे गुरुद्वारा जाते थे. बिल्ला ट्रांसपोर्टर है और झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष हैं और उनके अध्यक्ष बनने पर सेंटर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष गुरमुख सिंह मुखे, अमरजीत सिंह अंबे को अपने वर्चस्व पर खतरा हो रहा था और वे उसे रास्ते से हटाना चाहते थे. पूर्व में अमरजीत सिंह अंबे के साथ बिल्ला की लड़ाई हो चुकी है और इन्हीं बात को लेकर साजिश कर यह घटना कराई गई है. क्योंकि घटना के पहले ही गुरचरण सिंह बिल्ला ने गुरमुख सिंह मुखे एवं अमरजीत सिंह अंबे से अपनी जान का खतरा बताया था.
बचाव पक्ष की ओर से वकील गौरव पाठक ने शमशेर सिंह सोनी का प्रति परीक्षण किया और न्यायालय ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 23 सितंबर मुकर्रर की है.