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Jamshedpur Crime : डेढ़ दशक से पुलिस को चकमा देने वाले कुख्यात कार्तिक मुंडा की मौत, सोनारी संगम विहार के छत से कूदा, दो दर्जन से अधिक आपराधिक मामले थे दर्ज
जमशेदपुर : जमशेदपुर और सरायकेला पुलिस के लिए पिछले करीब डेढ़ दशक से चुनौती बने कुख्यात कार्तिक मुंडा की मौत हो गई. वह सोनारी थाना अंतर्गत दोमुहानी संगम विहार के कूद गया, जो उसकी मौत का कारण बना. प्रथम दृष्टिया मिली जानकारी के मुताबिक बीते देर रात कार्तिक मुंडा के सोनारी संगम विहार में होने की खबर पर आदित्यपुर पुलिस ने वहां दबिश दी. उसी दौरान पुलिस से बचने के लिए वह छत से पहले दूसरे तल्ले पर और फिर नीचे कूद गया. उसके बाद गंभीर हालत में लहुलुहान अवस्था में पड़े कार्तिक मुंडा को पुलिस ने टीएमएच पहुंचाया, जहां उसकी मौत हो गई. (नीचे भी पढ़ें)
हालांकि, पूरे मामले की अब तक पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. खबरों की मानें तो यह बात सामने आ रही है कि प्रतिद्वन्दवी गैंग कार्तिक मुंडा को ठिकाने लगाने पहुंचा था. हालांकि, पूरे मामले में कितनी सच्चाई है, इसका खुलासा पुलिस के आधिकारिक बयान आने के बाद ही हो सकता है. दूसरी ओर, कार्तिक मुंडा के परिजनों का दावा है कि पुलिस उसे पकड़कर सीढ़ी से ले जा रही थी. तब वह पैरों से चलते देखा गया, लेकिन अस्पताल में पहुंचने पर उसकी मौत की सूचना मिली. इस घटना के बाद कार्तिक के परिजन अस्पताल में जुटे हुए हैं और हंगामा कर रहे हैं. सिटी एसपी ऋषभ गर्ग ने कहा कि क्या मामला है इसका पता लगाया जा रहा है. (नीचे भी पढ़ें)
बता दें कि कार्तिक लोहार की सरायकेला के विक्की नंदी से अदावत चल रही थी. हाल में ही कदमा में हुए भोलू लोहार की हत्या के मामले में विक्की नंदी का नाम सामने आया था. उसके बाद से पुलिस विक्की की सरगर्मी से तलाश में जुटी हुई है. इसके पहले आपराध जगत में जो बड़ी बात उभरकर सामने आई थी उसके मुताबिक कार्तिक मुंडा जेल में बंद कुख्यात सागर लोहार से हाथ मिला चुका था. उन दोनों के निशाने पर विक्की नंदी बताया जाता है. (नीचे भी पढ़ें)
रही बात कार्तिक मुंडा की तो उस पर दो दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. वह अपने शुरुआती दौर में परमजीत सिंह (अब मृत) गैंग से जुड़ा था. बताया यह भी जाता है कि गैंगवार में कई बार कार्तिक मुंडा की हत्या होने से रह गई थी. वहीं, पिछले साल पुलिस ने उसके सीतारामडेरा घर में इश्तेहार भी चस्पा किया था. सिदगोड़ा थाना में 2017 में आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज हुआ था. बम से हमला करने में कार्तिक को हासिल महारथ थी. उसने अधिकतर आपराधिक वारदातों को बम फेंक कर ही अंजाम दिया है. पुलिस के पास उसकी हालिया तस्वीर भी नहीं थी. बावजूद इसके पुलिस उसके पीछे लगातार पड़ी हुई थी, जिसका परिणाम कार्तिक मुंडा की मौत के रूप में सामने आना बताया जाता है.