जमशेदपुर : झारखंडवासी एकता मंच की ओर बिष्टुपुर गोपाल मैदान में भव्य टुसु मेला का आयोजन किया गया, जिसमें अनुमानित दो से ढाई लाख लोगों ने शिरकत की. मेला में झारखंड के विभिन्न जिलों के अलावा पश्चिम बंगाल के कई लोग टुसु व चौड़ल लेकर पहुंचे. हालांकि, उड़ीसा सुबह बारिश होने की वजह से वहां के टुसूप्रेमी आने से वंचित रह गये. इसमें सात लोगों को टुसु में, चार व्यक्ति को चौड़ल तथा एक ग्रुप को बूढ़ी गाड़ी नाच प्रतियोगिता में नकद पुरस्कार प्रदान किया गया. इस दौरान अतिथियों के रुप में सांसद विद्युत वरण महतो, समाजसेवी आस्तिक महतो, पूर्व सांसद सुमन महतो, ईंचागढ़ की विधायक सविता महतो, सरायकेला की पूर्व पार्षद सारथी महतो, पूर्व जिला पार्षद चंद्रावती महतो, धालभूमगढ़ से आये शम्भू महतो व उनकी पत्नी संध्या महतो, रमेश हांसदा, बिल्डर विकास सिंह आदि मौजूद थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के मुख्य संयोजक आस्तिक महतो ने की.
वैसे तो दूर दराज से टुसू व चौड़ल लेकर आनेवाले लोग एकदिन पूर्व ही देर रात पहुंच गये थे, लेकिन रविवार की सुबह 10 बजे से अन्य लोगों का आना शुरु हो गया. दोपहर 2 बजते-बजते मैदान में पैर रखने की जगह भी कम पड़ने लगी. मेला की विशेषता यह है कि आयोजन संपन्न होने के बाद लोग शांतिपूर्वक अपने गंतव्य की ओर रवाना हो जाते हैं. (नीचे भी पढ़ें)
इस मौके पर सांसद ने विद्युत महतो समाज के युवाओं को मनोरंजन के साथ-साथ शिक्षा पर भी ध्यान देने की बात कही. उन्होंने कहा कि हम अपनी संस्कृति व परंपरा को लेकर ही जीते हैं, क्योंकि यह महान धरोहर है और यही हमारी पहचान भी है. जब हम शिक्षित होंगे तो अपनी संस्कृति को और बेहतर तरीके से जान सकेंगे. यह याद रखें कि इस संस्कृति को आनेवाली पीढ़ी ही जिंदा रखेगी. श्री महतो ने कहा कि जिस तरह हमें अपनी संस्कृति अपने बुजुर्गों से विरासत में मिली है, हमें भी युवा पीढ़ी को इसे देकर जाना है.
कार्यक्रम का संचालन जिला पार्षद खगेन महतो तथा बिल्डर फणीन्द्र महतो ने किया. इसे सफल बनाने में सुखदेव महतो, कमल महतो, बोड़ाम के पूर्व पार्षद स्वपन महतो, सचिन महतो, विजय महतो, सुनील महतो मीता, चंद्रावती महतो, सत्यनारायण महतो, चुनका मार्डी, सपन महतो, जुगल किशोर मुखी, नकुल महतो, मनोज महतो, नारायण महतो, कु?मी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेन्द्र महतो, अशोक महतो, जगदीश राव, ओपा सिंह, राजू बाबा, गोपाल महतो, अजय रजक, दिलीप दास सहित कई सदस्य सक्रिय रहे. इस दौरान अतिथियों ने संयुक्त रुप से वहां देश व राज्य के आंदोलन में अहम योगदान देनेवालों की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया व कार्यक्रम की शुरुआत की. आयोजकों की ओर से रघुनाथ महतो, शहीद बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू सहित शहीद निर्मल महतो, पूर्व सांसद स्व. सुनील महतो, राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री स्व. सुधीर महतो तथा पूर्व विधायक स्व. साधुचरण महतो की तस्वीर थी. मौके पर आयोजकों ने सभी अतिथि व झूमर गायक रंजीत महतो को शॉल, गुलदस्ता व मोमेंटो देकर अभिवादन किया.
गोपाल मैदान में दिखती है संस्कृति की झलक : आस्तिक
समाजसेवी सह मंच के मुख्य संयोजक आस्तिक महतो ने कहा कि गोपाल मैदान में सिर्फ मेला का आयोजन नहीं होता है, बल्कि यहां झारखंडी संस्कृति की पहचान दिखती है. कहा कि हम अपनी भाषा व संस्कृति के लिये एकजुट रहेंगे और यह आयोजन इसकी मिसाल है. समाज के लोगों ने अपनी जमीन बचाकर रखने की अपील करते हुए युवाओं से भी सावधानी पूर्वक वाहन चलाने की अपील मंच के माध्यम से की. कहा कि युवा ही देश के कर्णधार होते हैं, थोड़ी सी मौजमस्ती के लिये इसे यूं ही जाया न करें.
चयन के लिए आयोजकों ने बनाई टीम
कार्यक्रम के दौरान आयोजकों ने अलग चयन टीम का गठन किया. उन्होंने मैदान में घूम घूमकर सर्वश्रेष्ठ टुसू प्रतिमा, चौ?ल तथा बू?ी गा?ी टीम के नामों पर मुहर लगाई. इसमे टुसू चयन टीम में सुनील महतो, नारायण महतो, सचिन महतो, रायमुनी बानरा, विनय महतो व सत्यनारायण महतो शामिल थे. चौड़ाल चयन टीम में युगल किशोर मुखी, सुखदेव महतो, अजय रजक, आतंक मुखी व भुआ सुंडी शामिल थे. वहीं बूढ़ी गाड़ी नाच चयन टीम में चुनका मार्डी, सुदर्शन महतो, हसीन अहमद, त?ित महतो व प्रशांत पोद्दार शामिल थे.
सांसद ने गाया मकर गीत
सांसद विद्युत वरण महतो ने अपने संबोधन के दौरान टुसू व झूमर गीत गाकर लोगों को मन मोह लिया. उन्हें आसछे मकर दु दिन सबुर कर, तुईं पीठा मुढ़ीर जोगाड़ कर सहित एक के बाद एक तीन गीत गाये.
अपनी संस्कृति आज भी कायम
पूर्व सांसद सुमन महतो तथा ईंचागढ़ की विधायक सबिता महतो ने भी लोगों से अपनी संस्कृति बचाये रखने की अपील की. कहा कि यही संस्कृति साबित करती है कि हम भले ही आधुनिकता की दौड़ में आगे चल रहे हों, पर अपनी संस्कृति कायम रखे हुए हैं. (नीचे भी पढ़ें)
झुमर टीम ने लोगों को झुमाया
इस दौरान मनोहरपुर (पश्चिम सिंहभूम) से आए रंजीत महतो एंड टीम ने कई टुसु व झूमर गीत गाकर माहौल में चार चांद लगा दिया. टीम ने लगातार कई टुसु व मकर गीत प्रस्तुत कर समां बांध दिया. उन्होंने एगो आर कोतो दिन कोली जुग आछे…’, ‘आसबो बोले कोथा दिली, नाई आली मेला…”, ‘ए बाबू तोर मोसी देखा दिलेक देहाते…’ सहित कई गीत प्रस्तुत किया. रंजीत ने इस दौरान झारखंड आंदोलनकारी शहीद निर्मल महतो हत्याकांड पर एक गीत गाकर उनकी हत्या से जुड़ी यादें ताजा कर दी. उनके साथ ताल में ताल मिलाते हुए ईचागढ़ निवासी राम कैलाश यादव ने भी ‘चल जाबो चल गोपाल मैदाने…’ गाकर वाहवाही लूटी.
इन्हें मिला पुरस्कार
टुसु प्रतिमा
प्रथम (31 हजार) : धनंजय महतो (पदनामसाई, राजनगर)
द्वितीय (25 हजार) : जगन्नाथ महतो (सोसोमोली, राजनगर)
तृतीय (20 हजार) : धरनीगोड़ा, चांडिल
चतुर्थ (15 हजार) : रुगड़ी (डोबो)
पंचम (11 हजार) : उज्जवलपुर
षष्टम (7 हजार) :
सप्तम (5 हजार) : उलीडीह मानगो
चौड़ल का पुरस्कार
प्रथम (25 हजार) : शिवनाथ पुराना (कुजियाम्बा, अडक़ी)