जमशेदपुर : शहर के जैन समाज के लोगों में गिरीडीह जिले में स्थित पारसनाथ तीर्थ को पर्यटन स्थल घोषित किये जाने की अधिसूचना जारी किये जाने पर रोष व्याप्त है. उन्होंने सरकार से अधिसूचना रद्द करने की मांग की है. इसे लेकर बिष्टुपुर स्थित उदानी जैन भवन में बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान जैन समाज के संयोजक किशोर गोलछा ने बताया कि पारसनाथ तीर्थ स्थल दुनिया भर के करोड़ों जैनियों की अटूट आस्था का प्रमुख केंद्र है, जहां जैन संप्रदाय के 20 तीर्थकरों ने निर्वाण प्राप्त किया. यह लाखों संतों के लिए यह अराधना का प्रमुख स्थल रहा है. इस अति प्राचीन तीर्थ को अब सरकार ने इको सेंसेटिव जोन के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है, जिसके अंतर्गत इसे पर्यटन स्थल का स्वरूप देना है. जैन समाज के लोगों का मानना है कि यह एक धार्मिक स्थल है. इसे पर्यटन स्थल के रूप में तब्दील की अधिसूचना का विरोध किया जाएगा. समाज के लोगों ने अपनी इस मांग को सरकार के समक्ष रखने के लिए मंगलवार की सुबह साढ़े दस बजे साकची जैन भवन से रैली निकाल कर उपायुक्त कार्यालय में ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया है. इस बैठक में जमशेदपुर जैन समाज के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. सबों ने एक स्वर में इस अधिसूचना में संसोधन कर तीर्थ स्थल को यथावत रखने की मांग की.
बैठक में ये रहे शामिल
बैठक में समीर मकानी, सुरेश मेहता, निलेश वोरा, राजकुमार कोचर, प्रदीप जैन, अशोक बोथरा, सुरेश बोहरा, भरत मडिया, दिलीप गोलेच्छा, हेमंत जैन, मुकेश जैन, अनिल पारख, रमेश ललवानी, पन्नालाल जैन, विनोद देसाई, नितिन लोढा़, अखिलेश जैन, धीरेन मेहता, अशोक जैन, प्रदीप अजमेरा, दीपक देसाई, नरेंद्र दोशी, हेमंत प्रकाश, ललित खारा, परेश सेठ समेत समाज से जुड़े अन्य लोग शामिल रहें.