Ashok Kumar
जमशेदपुर : करनडीह का बिजली ऑफिस शुक्रवार को विभागीय लापरवाही के कारण जलने से बच गया. इस दौरान बड़ा हादसा हो सकता था. गनिमत है कि सूचना मिलते ही दमकल पहुंच गया और आग पर समय रहते काबू पा लिया. आग ट्रासफारमर के खराब पड़े तेल में लगी थी. तेल के बगल से ही बिजली की तार गयी है और तार में शार्ट-सर्किट से आग लगी थी.
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दिन के 3 बजे लगी थी आग
करनडीह के बिजली ऑफिस के गड्ढ़े में दिन के 3 बजे आग लगी थी. गड्ढ़े को देखकर ऐसा नहीं लगता है कि वह ट्रांसफारमर का खराब तेल होगा. देखने पर वहां का नजारा तालाब जैसा प्रतीत होता है. आगलगी की घटना के बाद यह आग बुझनेवाली नहीं थी. जिस तरह से धनबाद में कोयले की खान में दशकों से आग लगी हुई है ठीक उसी तरह की स्थिति यहां पर भी उत्पन्न होने वाली थी.
कौन लेगा इसकी जवाबदेही
जहां पर आग लगी है उसकी जवाबदेही बिजली विभाग का कौन अधिकारी लेगा. यहां पर दशकों से ट्रांसफारमर का खराब तेल बहाया जाता है. इस तेल के कारण ही आस-पास के चापाकलों से भी तेल की महक आती है. चापाकल के पानी का उपयोग लोग स्नान करने और बरतन धोने के लिये भी नहीं करते हैं. आखिर इसके लिये कौन जिम्मेवार है. लोग इस बिंदु पर ही बातें कर रहे हैं.
आग लगने से बाद बिजली गुल
करनडीह बिजली ऑफिस के पास आग लगने से पूरे इलाके की ही बिजली गिल कर दी गयी है. अगर बिजली विभाग के कर्मचारी सूज-बूझ से काम नहीं लेते तब पूरी की पूरी बिजली ऑफिस ही आग के चपेट में आ सकता था. सूचना पर कार्यपालक अभियंता और जेई भी मौके पर पहुंच गये और पूरी जानकार ली.
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