जमशेदपुर। भुइयाडीह स्लैग रोड़ स्थित नीतिबाग कॉलोनी में श्री हरि गोबिन्द सेवा समिति द्धारा
आयोजित भागवत कथा के सातवे दिन बुधवार को वृदांवन से पधारे श्रीहरि जी महाराज ने व्यासपीठ से कृष्ण-सुदामा मिलन की कथा सुनाई। गुरुवार को श्रीमद भागवत कथा का विश्राम बरसाने की तर्ज पर फूलों की होली खेल कर किया गया। बृज के गीत और जयकारों के बीच श्रद्धालुओं ने राधा-कृष्ण पर पुष्प वर्षा की। एक-दूसरे पर भी पुष्प बरसाए।
बुधवार को समाजसेवी अमरप्रीत सिंह काले, जुगनू पांडेय, विक्रम सिंह, रिया मित्र भगवात कथा में शामिल होकर श्रीहरि जी महाराज से आर्शीवाद लिया और झारखंड के विकास की प्रार्थना की।
महाराज ने बताया कि जगत में प्रेम का रिश्ता सबसे बड़ा रिश्ता होता है। प्रेम की डोर इतनी मजबूत होती है जिससे भगवान भी खिंचे चले आते हैं। गृहस्थ जीवन में मनुष्य तनाव में जीता है जब कि संत सद्भाव में जीता है। यदि संत नहीं बन सकते तो संतोषी बन जाओ। संतोष सबसे बड़ा धन है। सुदामा की मित्रता भगवान के साथ निःस्वार्थ थी उन्होंने कभी उनसे सुख साधन या आर्थिक लाभ प्राप्त करने की कामना नहीं की। लेकिन सुदामा की पत्नी द्वारा पोटली में भेजे गए चावलों में भगवान श्री कृष्ण से सारी हकीकत कह दी। प्रभु ने बिन मांगे ही सुदामा को सबकुछ प्रदान कर दिया। कथा वाचक ने कहा कि जो वैष्णव होता है, परलोक में उसके साथ सत्संग अवश्य साथ जाता है। इसलिए जितना भी समय मिले सत्संग जरूर करना चाहिए। यही जीवन का मूलधन है।
बुधवार को श्री हरी गोविन्द सेवा समिति के संस्थापक गोविन्द राम सरोज की शादी की सालगिरह के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।कथा विश्राम के बाद मुख्य यजमान कालिंदी-महेश्वर मिश्रा नेे व्यासपीठ की आरती उतारी। इस मौके पर श्रीराम सरोज, डा. एस के तिवारी, दिलीप सिंह, जशवंत सिंह, रवि सिंह, विकाश शर्मा, विक्रम सिंह, श्याम खंडेलवाल, विजय शाह, सोनू सरदार, मनोज सिंह समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।