Ashok Kumar
जमशेदपुर : जिला बार एसोसिएशन की एडहॉक कमेटी के पदाधिकारियों ने शनिवार को अपना इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने का मुख्य कारण यह है कि एडहॉक कमेटी की ओर से लिये जाने वाले निर्णय का कुछ अधिवक्ता समर्थन नहीं कर रहे थे. इसी विवाद को लेकर एडहॉक कमेटी की ओर से अपना इस्तीफा दे दिया गया है. कुल मिलाकर कमेटी के लोग गुटबाजी से खासा परेशान थे. विरोधी गुट के लोग निर्णय को मानने के बजाये खुद का निर्णय मनवाने का प्रयास कर रहे हैं.
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चार सदस्यों की बनी थी कमेटी
रांची स्टेट बार काउंसिल की ओर से चार सदस्यीय टीम को एडहॉक कमेटी में शामिल किया गया था. इसमे तापस कुमार मित्रा, लाल अजीत कुमार अंबष्टा, त्रिलोकीनाथ ओझा, जयप्रकाश शामिल थे. इसकी जानकारी झारखंड स्टेट बार काउंसिल के सेक्रेटरी राजेश पांडेय को भी दे दी गयी है. इसकी प्रतिलिपि जिला व सत्र न्यायाधीश को भी दे दी गयी है.
निर्णय को नहीं मान रहे थे कुछ अधिवक्ता- अंबष्टा
वरीय अधिवक्ता लाल अजीत अंबष्टा ने बातचीत में बताया कि एडहॉक कमेटी की ओर से अधिवक्ता चंदन चौबे को हथकड़ी के साथ गिरफ्तार जाने का विरोध में आंदोलन किया जा रहा था. एडहॉक कमेटी की ओर से एसएसपी से मिलकर मामले को रखा गया था. इस बीच एसएसपी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया था इसके बाद ही आंदोलन को वापस ले लिया गया था. बावजूद कुछ अधिवक्ता आंदोलन को आगे भी जारी रखना चाह रहे थे. इस विवाद के कारण ही एडहॉक कमेटी ने इस्तीफा दे दिया है.
कुछ अधिवक्ता जज से भी मिले
विरोधी गुट के कुछ अधिवक्ताओं का एक दल शनिवार को जज से जाकर मिले और कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर आंदेलन अभी जारी रखना चाहते हैं. इसपर जज ने साफ कहा कि वे जिला बार एसोसिएशन के पैड पर जो कुछ भी लिखकर लायेंगे उसे वे स्वीकार कर लेंगे. इसके बाद दूसरा गुट दोबारा जज से मिलने के लिये नहीं गया.
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