ASHOK KUMAR
जमशेदपुर : सरकार की ओर से वन विभाग का अमला इस कारण से रखा जाता है ताकि जंगलों में रहने वाले हाथी व अन्य जानवरों से किसी की जान-माल को नुकसान नहीं हो. बावजूद पूर्वी सिंहभूम जिले में हाथी या बाघ को काबू में कर पाना वन विभाग के बूते ही नहीं है. जी हां. कुछ इसी तरह का एक मामला गुड़ाबंदा थाना क्षेत्र के पांड्राशोली गांव में देखने को मिला. यहां पर गांव के ही हाड़ीराम मुर्मू को पटक-पटक कर हाथी ने जान ले ली.
टहलने निकले थे हाड़ीराम
हाड़ीराम मुर्मू के बारे में बताया जा रहा है कि वे आज सुबह-सुबह घर के बाहर टहलने के लिए निकले हुए थे. इस बीच ही रास्ते में हाथी से मुलाकात हो गई और हाथी ने उन्हें दबोच लिया. इसके बाद पटक-पटक कर अधमरा कर दिया. गांव के लोगों को जबतक सूचना मिलती और अस्पताल लेकर जाते उसके पहले ही रास्ते में हाड़ीराम के प्राण पखेरू उड़ गए थे.

घटना के बाद पहुंचा वन विभाग का अमला
हाड़ीराम की मौत के बाद वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा और कहा कि परिवार के सदस्यों को मुआवजा दिया जाएगा. हर बार ऐसा ही होता है. जबकि गांव के लोग बार-बार यह मांग करते हैं कि जंगलों में कुछ ऐसी व्यवस्था की जाए कि हाथी जंगल से बाहर ही नहीं निकल सके.
बाघ और तेंदुआ भी बरपा चुका है कहर
पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले में इसके पहले बाघ और तेंदुआ भी कहर बरपा चुका है. बावजूद वन विभाग इसका रेस्क्यू कर पाने में विफल रहा. सीसीटीवी कैमरा लगाकर वन विभाग के अधिकारियों ने बाध और तेंदुआ के होने की पुष्टी की थी. हाथी आए दिन ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की जान ले रहा है और वन विभाग मुआवजा देकर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है.
