जमशेदपुर :जी हां! कोल्हान का एमजीएम अस्पताल राम भरोसे ही चल रहा है. जब किसी मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है तब डॉक्टर उसकी सुधि लेना भी मुनासिब नहीं समझते हैं. ऐसे में आए दिन मरीज की मौत होने की खबर भी सामने आती रहती है. घटना के बाद मरीज के परिजन हो-हंगामा भी करते हैं. बावजूद इसका प्रभाव एमजीएम अस्पताल प्रबंधन पर बिल्कुल ही नहीं पड़ता है. कुछ इसी तरह का एक मामला अस्पताल से सामने आया है. यहां पर बागबेड़ा के सुजय कुमार (27) की मौत कुछ इसी तरह की लापरवाही से शुक्रवार को हो गई.
सुजय की मौत के बाद इसकी शिकायत भी परिवार के लोगों ने की और कहा कि 24 घंटे के अंतराल में सिर्फ एक बार ही डॉक्टर देखने आए थे. सुजय को सांस लेने में तकलीफ थी. अस्पताल में उसकी जान चली गई.
बड़े भाई को 2022 में हुई थी मौत
घटना के बारे में सुजय की बहन ने बताया कि एमजीएम अस्पाल में उसके बड़े भाई संदीप कुमार की मौत 2022 में हो गई थी. तब भी उनकी ओर से अस्पताल के डॉक्टरों पर ही लापरवाही का आरोप लगाया था. अब उसने अपने दूसरे भाई को भी अस्पताल में ही खो दिया है. अब उसके पास खोने के लिए कुछ बचा ही नहीं है.