जमशेदपुर।
भारत सरकार के निर्देशानुसार 19-25 दिसंबर तक जिले में गुड गवर्नेंस वीक(प्रशासन गांव की ओर) मनाया जा रहा है। ‘प्रशासन गांव की ओर’ अभियान के तहत समाहरणालय सभागार में गुड गवर्नेंस को लेकर जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित किया गया। कार्यशाला में पूर्व आयुक्त, कोल्हान मोहन लाल राय एवं XLRI के प्रो. कनग राज मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए ।
कार्यशाला में लोकसेवकों से लोगों की अपेक्षा, शिकायतों के निष्पादन में सक्रियता तथा तकनीक का समावेश आदि विषयों पर मुख्य अतिथि एवं जिला स्तरीय पदाधिकारियों ने अपने बहुमूल्य विचार रखे । श्री राय ने कहा कि लोकसेवक के नाते कानून के दायरे में रहकर बेहतर सेवा देना है, आपके कार्यों से लोगों को लगना भी चाहिए कि न्याय कर रहे हैं । उन्होंने अपने सेवाकाल के कई अनुभवों को भी साझा किये। समाज के हर तबके तक सरकार का न्याय पहुंचना चाहिए। विशेषकर कमजोर तबके पर ध्यान देने की आवश्यकता है तभी गुड गवर्नेंस की सार्थकता है। न्याय में किसी प्रकार का पक्षपात ना हो, न्याय हमेशा पारदर्शी हो।
प्रो कनग राज ने किस तरह उच्च गुणवत्ता वाली सेवा प्रदान करें, तकनीक का सहयोग एवं लोकसेवा के क्षेत्र में त्वरित न्याय पर अपने विचार रखे। उन्होने कहा कि लोगों को भी लगे की सरकार उनके लिए सोच रही है, और यह सिर्फ परिलक्षित होगा पदाधिकारियों की कार्यशैली से । उन्होने बताया कि तकनीक की मदद जिस काम को पूरा करने में दिन और महीनों लगते थे उसे अब त्वरित किया जा सकता है ।
एसडीएम धालभूम ने कहा कि हमें अपनी लाकसेवक की भूमिका से लोगों को संतुष्ट करना है। जिन्हें जो भी दायित्व मिला है उसका ईमानदारी से निर्वह्न भी स्वयं को संतुष्टी प्रदान करता है ।
एडीएम लॉ एंड ऑर्डर ने डिलिवरी मेकेनिज्म पर बल देते हुए कहा कि आम जनता की शिकायतों का त्वरित निष्पादन ही लोकसेवकों के प्रति विश्वास पैदा करती है। उन्होने कहा कि जिला एवं प्रखंड स्तर के सभी पदाधिकारियों का एकमात्र लक्ष्य हो कि सुशासन में कैसे अपनी भागीदारी निभायें ।
अपर उपायुक्त ने कहा कि 3 महीने से ज्यादा किसी शिकायत को लंबित रखने का मतलब है कि आप अपने कर्तव्यों का निर्वह्न सही तरीके से नहीं कर रहे हैं। पदाधिकारी प्रतिदिन अपने रूटिन कार्यों के अलावा एक घंटे समय निकालकर जन शिकायतों पर विशेष ध्यान दें ।
निदेशक एनईपी ने कहा कि पदाधिकारी पहले से प्लान बनायें कि अगले दिन क्या करना है। पदाधिकारी किसी प्रकार की शिकायत आने पर अपनी जवाबदेही समझते हुए उस पर त्वरित कार्यवाही करें।
जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि आपूर्ति कार्यालय से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जिले के 18 लाख लोग जुड़े हैं, उन्होने लोकसेवा के क्षेत्र में अपने कार्यालय कार्यों की भूमिका पर अपने विचार रखे। उन्होने काम को आनंद के भाव में करने तथा कार्यालय कार्यों को अपनी जवाबदेही समझते हुए लोगों के हित में क्या और कितना बेहतर हो सकता है उसपर बल दिया।
एसओ जेएनएसी ने गुड गवर्नेंस को लेकर पदाधिकारियों को सिर्फ अपने अधीनस्थों पर आश्रित नहीं होने के बजाय खुद भी सक्रिय होने की बात कही।
जिला परिवहन पदाधिकारी ने कहा कि पारंपरिक तौर तरीकों को छोड़कर हमें नई दुनिया से कदमताल करना होगा जहां तकनीक का भी समावेश हो। उन्होने कहा कि लोकपाल, आरटीआई जैसी कई व्यवस्थायें हैं जो लोकसेवकों की भूमिका व कार्यों को न्याय के कसौटी पर हमेशा कसती है । उन्होने लोकसेवक की भूमिका में RAT(Responsibility, Accountability, Transparency) पर बल दिया ।
उप निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति बराबर का दर्जा रखता है, न्याय मिलने में किसी के साथ भेदभाव नहीं हो, लोकसेवक के तौर पर हमारा यही प्रयास हो । कार्यशाला में विद्युत विभाग के कार्यापालक अभियंता तथा अन्य पदाधिकारियों ने भी अपने अनुभव एवं गुड गवर्नेंस को लेकर बहुमूल्य विचार रखे ।
कार्याशाला में इस बात पर विशेष बल दिया गया कि लाकसेवक का भाव पहले, प्रशासक बाद में हो । पारदर्शी और निष्पक्ष कार्यनिष्ठा, जनहित के कार्यों को लटकाने- भटकाने का रवैया न हो। तथ्यात्मक टिप्पणी के साथ संचिकाओं का शीघ्र निष्पादन हो तो शंका या शिकायतों के लिए जगह नहीं होगी।
कौन –कौन थे मौजूद
वहीं जिला स्तरीय पदाधिकारियों में एसडीएम धालभूम पीयूष सिन्हा, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर नन्दकिशोर लाल, निदेशक एनईपी ज्योत्सना सिंह, अपर उपायुक्त जयदीप तिग्गा, एसओ जेएनएसी संजय कुमार, जिला आपूर्ति पदाधिकारी राजीव रंजन, जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश रंजन, डीसीएलआर रविन्द्र गागराई, जिला पंचायती राज पदाधिकारी डॉ. रजनीकांत मिश्रा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सत्या ठाकुर, कार्यपालक पदाधिकारी मानगो नगर निगम सुरेश यादव, कार्यपालक पदाधिकारी जुगसलाई नगर परिषद जगदीश यादव समेत अन्य सभी विभागीय पदाधिकारी मौजूद रहे ।