Jamshedpur : विभिन्न सरकारी विभागों में अनुबंध एवं दैनिक वेतन पर बहाल वाहन चालकों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी स्थाई नहीं किया गया है। इसे लेकर अब चालकों में आक्रोश है। अब यह लोग इस मामले को लेकर आन्दोलन करने का मन बना चुके है। इसे लेकर रविवार को बिष्टुपुर स्थित वन विभाग के गेस्ट हाउस में सरकारी मोटर यान चालक संघ की एक बैठक संपन्न हुई। बैठक में मौजूद झारखंड राज्य सरकारी मोटर यान चालक संघ के अध्यक्ष प्रकाश जायसवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 2019 में आए एक फैसले में विभिन्न सरकारी विभागों में 10 वर्ष या उससे अधिक अवधि तक अनुबंध या दैनिक वेतन के रूप में कार्यरत वाहन चालकों को स्थाई करने का निर्देश दिया गया था। इस संबंध में झारखंड सरकार की कैबिनेट ने उक्त श्रेणी के वाहन चालकों को स्थाई करने का प्रस्ताव पारित किया। साथ ही इस संबंध में कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग की ओर से अधिसूचना जारी कर विभिन्न विभागों से चालकों का ब्यौरा एवं प्रस्ताव मांगा था। लेकिन दुर्भाग्य है कि झारखंड कैबिनेट एवं कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग की ओर से अधिसूचना जारी करने के बाद भी विभागों की ओर से कोई करवाई नहीं की गई।
हड़ताल पर जाने की तैयारी
प्रकाश जायसवाल ने बताया कि इस संबंध में बीते 24 जून को झारखंड राज्य सरकारी मोटरयान चालक संघ की ओर से मुख्यमंत्री को एक मांग पत्र भी सौंपा गया था। 3 माह बीतने के बाद भी इस संबंध में सरकार की ओर से कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया। इसलिए सभी चालकों ने पुनः एक बार सरकार को मांग पत्र देने का निर्णय लिया है। इस बार भी अगर नियोजन को लेकर कोई करवाई नहीं होती है तो, पूरे राज्य के सरकारी वाहनों के चालक हड़ताल पर जाने को विवश होंगे।