जमशेदपुर : गोविंदपुर एलआईजी में मंगलवार की सुबह घर में घुसकर एक युवती से दुष्कर्म करने का मामला सामने आया था। मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को घर से ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन मात्र 10 घंटे में ही पूरा मामला ही पैरवी के बूते बदल गया। आरोपी का पिता सिमडेरा थाने में एएसआई के पोस्ट पर कार्यरत है। वहीं से उसने पैरवी लगाई और काम कर गया। अंतत: 10 घंटे में ही मामले को दूसरा रूप दे दिया। दोनों पक्षों का पुलिस ने थाने में समझौता भी करवा दिया। दिन के 12 बजे तक गोविंदपुर के थानेदार रंजीत कुमार सिंह यह कह रहे थे कि मामला थाने तक पहुंचा है और लिखित आवेदन का इंतजार हो रहा है।
पीड़िता की मां है कैंसर पीड़ित
पीड़िता की मां कैंसर से पीड़ित है। युवकी अपनी मां के साथ ही घर पर रहती थी। युवती के पिता भी हैं, लेकिन फिलहाल घर पर नहीं है। इसके अलावा और कोई भी पीड़िता को सहयोग करने वाला नहीं था।
पैरवीकारों का सुबह से ही लगा था तांता
घटना के बाद जहां पीड़ित परिवार के लोग आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे, वहीं इस मामले को दबाने के लिए कई पैरवीकार थाने पर सुबह से ही डटे हुए थे। अंतत: मामले की लीपा-पोती कर दी गई।
लोग जानना चाह रहे कि दोनों को 10 घंटे थाने में क्यों बैठाया
पूरे मामले में दोनों पक्ष को थाने में क्यों बैठाया गया था वहां के लोग जानना चाह रहे हैं। अगर पुलिस वाले का मामला नहीं होता तब आरोपी को जेल भेज दिया जाता लेकिन आरोपी पुलिस वाला का बेटा होने के कारण मामले को पूरी तरह से दबा दिया गया।
पूर्व में गोविंदपुर थाने में पोस्टेड था आरोपी का पिता
आरोपी का पिता के बारे में बताया गया कि पूर्व में वह गोविंदपुर थाने में ही पोस्टेड था। इसके बाद ही सिमडेगा में उसका तबादला हो गया। उसका आरोपी बेटा नाबालिग है और गोविंदपुर के बिग इंगलिश स्कूल में 12 वीं का छात्र है।
बड़ी घटना के बाद भी चुप्पी साधे हुए हैं गोविंदपुर के नेता
एक युवती के घर में दुष्कर्म की घटना के बाद भी गोविंदपुर ईलाके के नेता चुप्पी साधे हुए हैं। इस क्षेत्र में कई ंमहिला संगठन भी सक्रिय है, लेकिन इस मामले में किसी की भी निंद नहीं खुली है। घटना की लोग चारो तरफ चर्चा कर रहे हैं, लेकिन पुसिल वाले के खिलाफ बोलने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पा रहा था।