जमशेदपुर : ग्राम सभा की सहमति के बिना संचालित विदेशी शराब की दुकान के विरुद्ध मुखिया राकेश चंद्र मुर्मू और ग्रामीणों की ओर से मोर्चा खोले जाने के बाद अंततः दुकान को बंद करना पड़ा. भागाबंध गांव के लोगों और बड़ाबांकी पंचायत के ग्रामीणों ने मोर्चा खोला था और एकजुट हो गए थे. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बिना किसी पूर्व सूचना या ग्राम सभा की अनुमति के इस दुकान को संचालित किया जा रहा था. पंचायत नियमों और स्थानीय जनभावनाओं के प्रतिकूल था.
असामाजिक तत्वों का जमावड़ा
शराब दुकान की वजह से गांव में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बढ़ गया था. महिलाओं, बच्चों और स्कूली छात्र-छात्राओं को असुविधा हो रही थी असुरक्षा का माहौल था. महिलाओं ने विशेष रूप से इस बात पर नाराजगी जताई थी कि खुले में स्नान और दैनिक गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हो रही है. उनकी गरिमा और सुरक्षा दोनों खतरे में थी.
दी गई थी प्रशासन को चेतावनी
मुखिया राकेश चंद्र मुर्मू ने ग्रामीणों की भावनाओं को स्वर देते हुए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा और स्पष्ट रूप से मांग की कि बिना ग्राम सभा की सहमति से खोली गई यह दुकान अवैध है. इसे तत्काल बंद किया जाए. उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि 4 अप्रैल तक कार्रवाई नहीं की गई तो ग्रामीण धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य हो जाएंगे.
प्रशासन ने लिया संज्ञान में, दुकान बंद
ग्रामीणों के आक्रोश और मुखिया राकेश चंद्र मुर्मू के सक्रिय प्रयासों के परिणामस्वरूप, उत्पाद विभाग के वरीय पदाधिकारी रामदेव पासवान स्वयं भागाबांध गांव पहुंचे और शराब दुकान को बंद कराने की कार्रवाई की. दुकान बंद होते ही ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है.
ये थे मौजूद
मौके पर मुखिया राकेश चन्द्र मुर्मू, मोतीलाल महतो मास्टर, पर्वत किस्कू, मगलू महतो, देवेन महतो, धनंजय महतो, राजेश महतो, रंजीत महतो, रोबेन महतो, तिलक महतो, संतोष महतो, सोइलेन महतो, पारितोष महतो, ग्राम के महिला सूमह आदि लोग मौजूद थे.