जमशेदपुर : कार्तिक पूर्णिमा पर सोमवार को हजारों श्रद्धालुओं ने शहर के अलग-अलग नदियों में महास्नान किया. कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन शिव जी ने त्रिपुरासुर नामक दैत्य का वध किया था. इस कारण से इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है.
इस दिन को देवताओं की दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन गंगा स्नान, दीप दान, हवन यज्ञ आदि करने से सांसारिक पाप और ताप का शमन होता है. इस दिन अन्न, धन और वस्त्र दान का भी महत्व बताया गया है. इस दिन अन्न के अलावा दूध, चावल और आंवले का दान करना शुभ माना जाता है. चंद्रदेव को पानी में कच्चा दूध मिलाकर अर्ध्य देना चाहिए. शाम को तुलसी के पौधे के पास दीप जलाना चाहिए.