Ashok Kumar
जमशेदपुर : यात्री ट्रेनों में भीख मांगनेवाले भिखमंगे बदलते समय के साथ अब हाइटेक होते जा रहे हैं. जी हां कुछ इसी तरह का नजारा रविवार को संबलपुर-हावड़ा ईस्पात एक्सप्रेस ट्रेन में देखने को मिला. भिखमंगों का एक जत्था ट्रेन पर चक्रधरपुर स्टेशन से सवार हुआ थ. भिखमंगों के पास माउथपीस के साथ-साथ साउड बॉक्स भी था और साथ में एक युवा गायिका भी. ट्रेन यात्रियों को तो इनकी भनक तब लगी जब अचानक से कुमार शानु के गीत कोच में गूंजने लगे.
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बस इक सनम चाहिये आशिकी के लिये
इसी गीत को युवती माउथपीस से साउंड बॉक्स के माध्यम से गा रही थी. गीत बेहद सुरीली थी, लेकिन रेल यात्रियों की समझ में यह नहीं आ रहा था कि आखिर ट्रेन के कोच के भीतर इस तरह से गीत बजाकर यात्रियों को रिझाने का क्या मतलब है. यह बिल्कुल ही नया ट्रेंड रेल यात्रियों को देखने मिला और वे दंग रह गये. ट्रेन के यात्री यही कह रहे थे कि अब भीख मांगने का तरीका भी बदल गया है.
कई यात्री मोबाइल पर कर रहे थे रिकार्डिंग
कोच के भीतर साउंड बॉक्स की आवाज आने के बाद अधिकांश यात्रियों को मोबाइल से रिकार्ड करते हुये भी देखा गया. इस दौरान इस गायिका से पूछा गया तब उसने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. सिर्फ इतना ही कहा कि क्यों परेशान कर रहे हैं.
किन्नर से भी कम परेशान नहीं हैं रेलयात्री
रेल यात्री तो पहले से ही किन्नरों से परेशान थे, लेकिन अब एक और परेशानी उनके सिर पर आन पड़ी है. किन्नर रुपये एंठने के लिये किस तरह के हथकंडे अपनाते हैं यह तो सभी लोग जानते हैं, लेकिन हाइटेक भिखमंगों की तो अब बात ही कुछ अलग है. पहनावा से नहीं लगता है कि वह भिखमंगा, लेकिन साथ में एक अंधे को भी रखा है ताकि यात्रियों को उनकी सूरत देखकर दया आ जाये.
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