-मोहरदा जलापूर्ति योजना के लिए सेटलिंग पोंड का शीघ्र निर्माण होगा
-भुवनेश्वरी मंदिर के समीप नए पानी टंकी का शीघ्र निर्माण होगा
-अबादी को देखते हुए मोहरदा जलापूर्ति योजना के एक नए प्लांट का होगा निर्माण
जमशेदपुर : मोहरदा जलापूर्ति योजना फेज-2 के क्रियान्वयन के संबंध में एक बैठक का आयोजन जमशेदपुर अक्षेस कार्यालय में अक्षेस के उप नगर आयुक्त, जुस्को, जुडको के प्रतिनिधि एवं विधायक सरयू राय के निजी सचिव सुधीर सिंह की उपस्थिति में हुई. इस बैठक में मोहरदा जलापूर्ति फेज-2 का कार्य प्रारंभ करने को लेकर विस्तृत चर्चा की गई. मोहरदा जालपूर्ति योजना के सुचारू ढंग से संचालन तथा गुणवत्तायुक्त जलापूर्ति सुनिश्चित करने को लेकर चर्चा की गयी. विधायक सरयू राय की पहल पर मोहरदा जलापूर्ति योजना के इंटकवेल के बगल में स्थित खाली जमीन पर सेटलिंग पोंड का निर्माण और भुवनेश्वरी मंदिर के तलहटी में नए पानी टंकी का युद्ध स्तर पर निर्माण कराने का निर्देश दिया गया था. (नीचे भी पढ़ें)
विधायक श्री राय ने कहा था कि सेटलिंग पोंड के निर्माण हो जाने से क्षेत्र के निवासियों को गुणवत्ता युक्त पेयजल के साथ ही तय समय पर जलापूर्ति संभव हो सकेगा. जिसके लिए कंसलटेंट बहाल किया गया था और 14 करोड़ 65 लाख की लागत से प्राक्कलन तैयार किया गया है जिसमें 7 किलोमीटर तक का नया पाइप लाइन, नया राईजिंग पाईप, भुवनेश्वरी मंदिर के पास नया पानी टंकी का कार्य किया जाएगा. फेज-2 के निर्माण से लगभग 2 हजार घरों में नया पेयजल कनेक्शन असानी से उपलब्ध हो जाएगा. विधायक श्री राय की पहल पर फेज-2 के निर्माण से बिरसानगर एवं भुवनेश्वरी मंदिर के तलहटी के आसपास क्षेत्रों में जलापूर्ति संभव हो पाएगा. नए राईजिंग पाइप के निर्माण हो जाने से मोहरदा जलापूर्ति से अच्छादित सभी घरों में समय से गुणवत्तापूर्ण पेयजल की आपूर्ति हो पाएगी. (नीचे भी पढ़ें)
ज्ञात हो कि पूर्व की योजना में कई प्रकार की खामियां थी. नालियों से होकर पानी का पाइप बिछाया जाना, बड़े नाले के गंदे पानी के बाद इंटकवेल का निर्माण होना, मुख्य पाइपलाइन का जाम होना, अलग अलग टंकियों के लिए राईजिंग पाईप नहीं होना आदि कारणों से खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. विधायक श्री राय की पहल पर भविष्य देखते हुए ऐसी योजना तैयार की जा रही है जिससे लोगों के घरों में समय पर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो सके. अलग अलग टंकियों के लिए अलग अलग राईजिंग पाईप बिछायी जाय, जिससे एक साथ सभी टंकियों पर पानी भरा जा सके और एक साथ सभी क्षेत्रों में जलापूर्ति संभव हो सके.