जमशेदपुर। मानगो एनएच 33 स्थित वसुन्धरा एस्टेट (नियर इरीगेशन कॉलोनी) में श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के प्रथम दिन सोमवार को वृन्दावन से पधारे स्वामी वृजनंदन शास्त्री महाराज ने व्यास पीठ से व्यास नारद संवाद, पाण्डव चरित्र और शुकदेव आगमन की प्रसंग का सुंदर व्याख्यान किया। कथा के दौरान प्रसंग के आधार पर कलाकारों ने लीवंत झांकी भी प्रस्तुत की। उन्होंने श्रीमद् भागवत कथा के विषय पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि इस कलयुग में मनुष्य अपने भावों को सत्संग के जरिए ही स्थिर रख सकता है। सत्संग के बिना विवेक उत्पन्न नहीं हो सकता और बिना सौभाग्य के सत्संग सुलभ नहीं हो सकता। श्रीमद् भागवत कथा का 7 दिनों तक श्रवण करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं, मनुष्य अपने जीवन में सातों दिवस को किसी ने किसी देवता की पूजा अर्चना करता है, लेकिन मानव जीवन में आठवां दिवस परिवार के लिए होता है। कथा व्यास ने कहा कि विद्यावतां भागवते परीक्षा, अर्थात़् विद्वानों की परीक्षा श्रीमद्भागवत में होती है। श्रीमद्भागवत आलौकिक ग्रंथ है जिसकी पारायण से लौकिक व पारलौकिक सिद्धियां प्राप्त होती है। श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने से अनादिकाल के संचित पाप नष्ट हो जाते हैं। उससे निर्मल भक्ति प्राप्तकर ब्रह्म का सानिध्य प्राप्त करता है। महाराज जी ने जीवन में भजन, और भोजन में अंतर बताते हुए कहा कि भजन में कोई मात्रा नहीं होती ,भजन करने से मानव का मन सीधा ही प्रभु से जुड़ जाता है। उपस्थित महिला एवं पुरुष श्रद्धालु देर संघ्या तक कथा में जमे रहे। इसका आयोजन यजमान किरण-उमाशंकर शर्मा द्धारा किया गया हैं। महाराज जी मंगलवार को जड़ भरत, कपिल देवहुति संवाद का प्रसंग सुनायेंगे। आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रमुख रूप से कृपाशंकर शर्मा, रामाशंकर शर्मा, गिरजाशंकर शर्मा, कृष्णा शर्मा उर्फ काली शर्मा, संतोष शर्मा समेत सैकड़ों की संख्या में भक्तगण शामिल थे, जिसमें महिलाओं की संख्या अधिक थी।