जमशेदपुर : भारतीय रेल भले ही एक है, लेकिन अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नियम भी बनाए गए हैं। अगर कोविड-19 की बात करें तो उड़ीसा सरकार ने रेल कर्मचारियों को फ्रंट-लाइन वर्कर मान लिया है। झारखंड की बात करें तो यहां की रेलवे यूनियन रेल कर्मचारियों को फ्रंट-लाइन वर्कर का दर्जा देने और वैक्सीन में प्राथमिकता देने की मांग कर रहे हैं। बावजूद उनकी मांगों पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है। रेलवे यूनियन के प्रतिनिधि ओडिशा सरकार का उदाहरण भी प्रस्तुत कर रहे हैं और इसकी प्रतिलिपि भी भेजी गई है।