जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल वैसे तो शुरू से ही विवादों के घेरे में रहा है। सरकारी अधिकारी बराबर ही विवादों में रहते हैं, लेकिन इस बार सरकारी अधिकारी नहीं बल्कि अस्पताल का ठेकेदार रवि नामता विवादों के घेरे में है। रवि नामता पर आरोप है कि वह सफाईकर्मियों को एक झाड़ू भी फिलहाल नहीं दे रहा है।
पांच लीटर फिलाइल में एमजीएम अस्पताल की हो रही सफाई
एमजीएम अस्पताल की पूरी साफ-सफाई के लिए मात्र 5 लीटर ही फिनाइल ठेकेदार की ओर से दिया जा रहा है। इस कारण से अस्पताल की साफ-सफाई ठीक से नहीं की जा रही है। काम करने वाले सफाईकर्मी बेहतर सेवा देना चाहते हैं, लेकिन उन्हें उपकरण ही उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
ठेका हो गया है समाप्त, मामला गया कोर्ट में
एमजीएम अस्पताल में ठेकेदार का समय समाप्त हो गया है। दोबारा उसी को ठेका मिले, इसको लेकर ठेकेदार कोर्ट तक पहुंचा है और अब मामला वहीं पर लंबित है। कोर्ट के आदेश तक ठेकेदार अस्पताल में साफ-सफाई की देख-रेख करता रहेगा।
खुद झाड़ू खरीद रहे सफाईकर्मी
एमजीएम अस्पताल में साफ-सफाई का काम देखने वाले सफाईकर्मियों का कहना है कि उन्हें झाड़ू खुद ही खरीदकर लाना पड़ रहा है। यह सिलसिला पिछले पांच माह से जारी है। वे अपनी जेब से रुपये लगाकर अस्पताल में काम करने को विवश हैं। इसको लेकर सफाईकर्मी बराबर ही अधिकारियों से शिकायत भी करते रहते हैं। सभी ने मिलकर इसकी शिकायत डिप्टी सुपरीटेंडेंट नकुल चौधरी से की है। उन्होंने सफाईकर्मियों को आश्वासन दिया है कि देखते हैं।