जमशेदपुर : केद्र सरकार की बाल महिला विकास मंत्रालय की ओर से दशकों पूर्व चाइल्ड लाइन सुविधा की शुरूआत की गई थी. 23 अगस्त 2023 से इस योजना के संचालन का जिम्मा राज्य सरकार को दे दिया गया है. आज चार माह पूरे हो गए हैं, लेकिन अभी तक इस सेवा को शुरू तक नहीं किया गया है. ऐसे में चाइल्ड लाइन के सैकड़ों कर्मचारी भुखमरी के कगार पर आ गए हैं.
पूरे मामले में चाइल्ड लाइन में काम करनेवाले लोगों के समर्थन में पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी उतर गए हैं. उन्होंने इस सेवा को हर हाल में चालू करने की मांग राज्य के मुखिया हेमंत सोरेन से की है. कहा कि यह संवेदनशील मुद्दा है. इसपर काम करने की जरूरत है. इस सेवा को फिर से शुरू करने की जरूरत है. सरकार को अपने कोष से भी इस सेवा को आगे बढ़ाने का काम करना चाहिए.
पीटर तिग्गा ने क्या कहा
लोहरदगा जिले को चाइल्ड लाइन को-ऑर्डिनेटर पीटर तिग्गा ने कहा कि इस योजना को चाइल्ड लाइन इंडिया फाउंडेशन की ओर से चलाया जाता था. इसके बाद एनजीओ के माध्यम से काम होता था. 23 अगस्त से ही इसे बंद कर दिया गया है. इसको लेकर राज्य सरकार की ओर से अभी तक किसी कर्मचारी को किसी तरह की सूचना तक नहीं दी गई है.
बच्चों की सुरक्षा के लिए है यह सेवा
केंद्र सरकार की ओर से चाइल्ड लाइन सेवा की शुरूआत करने का मुख्य उद्देश्य यह था कि बच्चों की ठीक से सुरक्षा हो सके. अगर उनका किसी तरह से शोषण हो रहा है तो इस सेवा के माध्यम से उसपर रोक लगाने और न्याय दिलाने का काम किया जाता था.