Home » जमशेदपुर : झारखंड राज्य आंदोलनकारी सेनानी ने सरकार के खिलाफ सीधी कार्रवाई की चेतावनी दी, वार्ता नहीं करने पर स्थापना दिवस का करेंगे बहिष्कार, 15 नवंबर तक दिया अल्टीमेटम
जमशेदपुर : झारखंड राज्य आंदोलनकारी सेनानी ने सरकार के खिलाफ सीधी कार्रवाई की चेतावनी दी, वार्ता नहीं करने पर स्थापना दिवस का करेंगे बहिष्कार, 15 नवंबर तक दिया अल्टीमेटम
जमशेदपुर : ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू ) के संस्थापक सह झारखंड राज्य आंदोलनकारी सेनानी के मुख्य संयोजक पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा है कि झारखंड सरकार को अल्टीमेटम दिया गया है कि 15 नवंबर तक अगर झारखंड आंदोलनकारियों के साथ सीधी वार्ता नहीं करती है तो झारखंड आंदोलनकारी सेनानी सीधी कार्रवाई के लिए सड़क पर संघर्ष के लिए उतर जाएंगे । श्री बेसरा ने उलगुलान का ऐलान करते हुए कहा है कि झारखंड सरकार आंदोलनकारियों के प्रति सम्मान और पेंशन देने के प्रति उदासीन रवैया अपना रही है । अगर 15 नवंबर तक सरकार आंदोलनकारी के साथ लिखित समझौता नहीं करती है तो स्थापना दिवस समारोह का बहिष्कार किया जाएगा। उसी दिन भगवान बिरसा मुंडा का जयंती मनाते हुए संकल्प लेंगे और झारखंड में रेल यातायात और सड़क यातायात को पूर्ण रूप से ठप कर देंगे । इसमें आर्थिक नाकेबंदी भी शामिल होगी। यह सर्वविदित है कि तत्कालीन राज्य सरकार ने 2012 में मंत्री परिषद द्वारा एक संकल्प प्रस्ताव पारित कर झारखंड राज्य आंदोलनकारी चिन्हित करण आयोग का गठन किया था। आयोग का कार्यकाल 8 अगस्त 2019 को समाप्त हो गया था। 2012 से 2019 तक करीब झारखंड आंदोलनकारियों का आवेदन लगभग 70,000 आवेदन लंबित है। करीब 2 साल तक आयोग समाप्त होने के बाद 14 जुलाई को नए राज्यपाल के शपथ ग्रहण के दिन आयोग का पुनर्गठन किया गया। फिर भी आयोग का गठन संपूर्ण नहीं है । झारखंड राज आंदोलनकारी सेनानी की मांग है कि सभी आंदोलनकारियों की मान सम्मान का मापदंड एक समान हो और साथ ही साथ जेल यात्रा की बाध्यता को समाप्त किया जाए।