जमशेदपुर।
हर साल की तरह इस साल भी धन-धन शहीद बाबा दीप सिंह जी की शहीदी को समर्पित महान कीर्तन दरबार 9 और 10 फरवरी दिन बृहस्पतिवार एवं शुक्रवार को संगत के सहयोग से गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं स्त्री सत्संग सभा सीतारामडेरा के सहयोग से मनाया जा रहा है. गुरुवार को सबसे पहले मंगलवार से रखे गए श्री अखंड पाठ का भोग पड़ा. गुरुद्वारा साहिब से लेकर मैदान में सजे हुए पंडाल तक शोभायात्रा निकाली गई. इसके बाद महान कीर्तन दरबार आरंभ हुआ. सबसे पहले बीबी तेजिंदर कौर ( हजूरी जत्था गुरुद्वारा साहिब सीतारामडेरा ) ने शब्द गायन किया. उन्होंने सूरा सो पहचानिए जो लड़े दीन के हेत, पुर्जा पुर्जा कट मरे कब हूं ना छाडे खेत… शब्द से संगत को गुरु भक्ति में लीन किया. इनके बाद भाई मनप्रीत सिंह जी टाटानगर वाले ने जा को हर रंग लागो इस जुग में, सो कहियत है सुरा शब्द संगत को श्रवण कराया. ज्ञानी बलविंदर सिंह जी कथावाचक देहरादून वाले (गुरुद्वारा मंजी साहिब दीवान हॉल अमृतसर) ने कथा के माध्यम से सुरमे की परिभाषा बताई. उन्होंने बताया कि हर अर्थात हरि और जन अर्थात मनुष्य. दोनों एक समान हैं. केवल मनुष्य को उस परमात्मा को अपना आप समर्पित कर देना है. उन्होंने बताया कि ( जाको हर रंग लागो इस जुग में सो कहियत है सुरा ) अर्थात जिसके ऊपर परमात्मा का रंग चढ़ गया. उसको कोई हरा नहीं सकता. जैसे कि बाबा दीप सिंह जी ने अपार भक्ति की, जिसकी वजह से उनका शीश कटने पर भी वह मैदान में डटे रहे. शीश हथेली पर लेकर लड़ते रहे. दुश्मनों का मुकाबला करते रहे. इसके बाद भाई साहब भाई सुखजिंदर सिंह जी चंगीयाडा ढाढी जत्था (घडूवा वाले) ने अपने जोशीले अंदाज में बाबा दीप सिंह जी का इतिहास सुनाया. उन्होंने भाई डल्ला जी के बारे में बताया जिसको की अपनी फौज के ऊपर बहुत गुमान था. इसने गुरु जी से कहा की आप हमें बताते हम आपके लिए युद्ध करते. तब गुरुजी ने कहा, कहना ता सोखा (आसान) है डल्लिया लेकिन औखा सिदक निभाउना है. इनके बाद भाई साहब भाई अमनदीप सिंह जी (हजूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर) ने सुन नाह प्यारे इक बेनंती मेरी… मोहे गरीब कोउ लेह रलाए… आदि गुरवाणी शब्द का गायन कर संगत को निहाल किया. इस दौरान संगत के लिए गुरु का अटूट लंगर एवं शाम को चाय नाश्ते की व्यवस्था की सेवा भी गई थी. शाम को भी रहिरास साहेब के पाठ बाद देर रात तक दीवान में संगत गुरु दरबार में नतमस्तक रही. शुक्रवार दूसरे दिन भी दोनों वेला दीवान सजाये जाएंगे.
19 प्राणियों ने ली खंडे की पाहुल, गुरु वाले बने
इधर, गुरुद्वारा में धर्म प्रचार कमेटी अकाली दल द्वारा खंदे की पाहुल तैयार की गई, जिसमें 19 प्राणियों ने पाहुल ग्रहण की और गुरु वाले बने. अमृत संचार की विधिवत प्रक्रिया जत्थेदार जरनैल सिंह, सुखदेव सिंह खालसा, रविंद्र सिंह, हरजीत सिंह, रविंद्रपाल सिंह, ग्रंथी भूपेंद्र सिंह, प्रीतपाल सिंह व चरणजीत सिंह ने निभाई. अकाली दल की ओर से बताया गया कि आगामी 26 फरवरी जेम्को आजाद बस्ती गुरुद्वारा में अमृत संचार का आयोजन किया जाएगा. प्रतिनिधियों ने संगत को अधिक से अधिक संख्या में अमृत संचार करके जीवन सफर करने की अपील की.
इन्हें किया गया सम्मानित
समागम में डॉक्टर कृपाल सिंह सिद्धू, डॉ राजेंद्र सिंह, जंबू अखाड़ा के बंटी सिंह, दलजीत सिंह दल्ली, रेलवे कार्यसमिति के सदस्य गुरविंदर सिंह सेठी को सम्मान प्रधान सरदार बलवीर सिंह ने दिया. मंच का संचालन सरदार परमजीत सिंह काले ने किया.
ये कर रहे सहयोग
आयोजन को सफल बनाने में मुख्य रूप से प्रधान बलवीर सिंह के अलावा महासचिव सुरजीत सिंह, गुरदीप सिंह, कोषाध्यक्ष अमरजीत सिंह, वरीय उपाध्यक्ष गुरपाल सिंह रिंकु, राजपाल सिंह, सुखविंदर सिंह, सह कोषाध्यक्ष अविनाश सिंह, मनमीत सिंह, नरेंद्र सिंह गोल्डी, सरबजीत सिंह, दविंदर सिंह, मनविंदर सिंह लाडी आदि सेवा में लगे हुए हैं.