जमशेदपुर : जिले के पोटका कोवाली के मुकुंदसाई गांव की रहने वाली नाबालिग प्रेमिका रेशमा गौड़ दो माह की गर्भवती हो गई थी। इस कारण ही प्रेमी मनोज गौड़ पर शादी के लिए दबाव पड़ रहा था। दबाव से मुक्ति पाने के लिए ही प्रेमी ने उसे अपने रास्ते से हटा दिया। शव का पोस्टमार्टम होने के बाद घर पर नहीं लाया गया, बल्कि बाहर ही अंतिम संस्कार करवा दिया गया है।
पूरा गांव जानता था दोनों की कहानी
दोनों की कहानी पूरे गांव के लोग जानते थे। इसकी खबर परिवार के लोगों को भी थी। परिवार के लोगों ने मनोज से कई बार बात भी की थी। मनोज ने कहा था कि वह शादी कर लेगा। इस कारण जब रेशमा लापता हो गई तब परिवार के लोगों का शक मनोज पर गया और उसके खिलाफ ही कोवाली थाने में अपहरण करने का मामला दर्ज कराया था।
मृतका के माता-पिता नहीं हैं
रेशमा के माता-पिता की मौत पहले ही हो चुकी है। 10 साल पहले मां की मौत हो गई थी। उसके बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली थी। दूसरी से तीन बच्चे हैं। रेशमा दो बहनों में सबसे बड़ी थी। एक साल पहले ही पिता की मौत हुई है। सौतेली मां ने ही दोनों बच्चों को सहारा दिया था।
छोटी बहन ने की फांसी की सजा देने की मांग
बड़ी बहन को मौत के घाट उतारने वाले मनोज को फांसी की सजा देने की मांग छोटी बहन ने की है। उसने कहा कि वह शादी करने के लिए तैयार हो गया था। तब उसने उसकी हत्या क्यों कर दी। अब उसे भी जीने का हक नहीं मिलना चाहिए।
यह था मामला
रेशमा और मनोज सुनियोजित तरीके से 25 जनवरी को घर से चले गए थे। मनोज अपनी 407 ट्रक से प्रेमिका को चाईबासा के कीरिबुरू सारंडा जंगल में लेकर गया था। वहां पर उसने लोहे का औजार से हमला करके हत्या कर दी थी। घटना को अंजाम देने के बाद वह रात को ही अपने घर पहुंच गया था। दूसरे दिन मामला कोवाली थाने तक पहुंचा था उसके बाद पुलिस ने मनोज को हिरासत में ले लिया था। पूछताछ के क्रम में उसने पुलिस के समक्ष राज भी खोल दिया था। इसके बाद पुलिस सारंडा पहुंची थी और शव को बरामद किया था। किरीबुरू पुलिस ने बुधवार को ही मनोज को जेल भेज दिया था।