जमशेदपुर : STEEL CITY का एमजीएम अस्पताल सिर्फ इस जिले का ही सबसे बड़ा अस्पताल नहीं है, बल्कि पूरे कोल्हान का बड़ा अस्पताल है। इस अस्पताल में चिकित्सकों से लेकर ड्रेसरों का भी टोटा है। इस कमी की वजह से ही अस्पताल में आए दिनों चिकित्सकों का नहीं होने के कारण बवाल हुआ करता है। बावजूद इस कमी को समय रहते पूरा करने का काम तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से नहीं किया जाता है। आर्थिक रूप से तंग लोगों के लिए एमजीएम अस्पताल ही सहारा है। अस्पताल के पीछे सरकार एक साल में करोड़ों रुपये खर्च करती है, बावजूद इसकी सुविधा से मरीज संतुष्ट नहीं होते हैं।
काउंसिंलग में रिक्त पदों को भरने पर चर्चा
एमजीएम अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्था को लेकर ही शनिवार को अस्पताल में काउंसिलिंग की गई है। काउंसिलिंग में इस पर चर्चा की गई चिकित्सों की बहाली की जाए। इसके लिए अस्पताल में रेसीडेंसी स्कीम को भी लागू करने का काम किया गया है। 50 से ज्यादा जूूनियर डॉक्टरों की बहाली हो सकती है।
एक साल के लिए रिक्त पदों को भरने का निर्णय
अस्पताल में रिक्त पड़े पदों को एक साल के लिए पूरे करने का निर्णय लिया गया है। चिकित्कों की बात करें तो एमजीएम अस्पताल में स्वीकृत पदों की संख्या 150 है। वहीं वर्तमान में मात्र 38 चिकित्सकों की ही नियुक्ति की गई है। बाकी का 112 पद रिक्त पड़ा हुआ है। इसी तरह से अस्पताल में ड्रेसर का स्वीकृत पद 31 है, लेकिन वर्तमान में मात्र एक ड्रेसर को ही पदस्थापित किया गया है। पूरा अस्पताल एक ड्रेसर के भरोसे ही चल रहा है।
650 बेड की है अस्पताल
एमजीएम अस्पताल को 650 बेड का बनाया गया है, लेकिन सभी बेड के रोगी को उचित चिकित्सा सुविधा पहुंचा पाने में परेशानी होती है। अस्पताल प्रबंधन यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लेता है कि उनके हाथ में जो कुछ है उसे वे करने का प्रयास कर रहे हैं। बाकी सरकारी आदेश पर ही सारा काम होता है।