जमशेदपुर : राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के मामले में जांच की बिंदुओं को लेकर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने जिले के एसएसपी को एक पत्र भेजा है. इसमें उन्होंने इस पूरे मामले में नौ बिंदुओं पर जांच करने की पुलिस प्रशासन को सुझाव दिये हैं. पत्र में विधायक सरयू राय ने यह भी लिखा है कि समाचार पत्रों के माध्यम से उन्हें जानकारी मिल रही है कि मामले से संबंधित प्राथमिकी को जमशेदपुर पुलिस ने न्यायालय में भेज दिया है और इस बारे में जांच के बिन्दु पुलिस द्वारा सार्वजनिक नहीं किए गए हैं. उन्होंने कहा है कि चूंकि यह वीडियो राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री से संबंधित है, जो जमशेदपुर पश्चिम से विधायक हैं और इस आशय की प्राथमिकी भी उन्हीं के द्वारा भेजे गए एक पत्र के आधार पर दायर की गयी है, इसलिए आवश्यक कि है जांच के बिंदु स्पष्ट एवं व्यापक हों.
इन नौ बिंदुओं पर जांच करने के दिए सुझाव, कही यह बात
- प्रासंगिक वीडियो के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि मंत्री और एक महिला के बीच हो रहे वीडियो चैट की स्क्रीन रिकॉर्डिंग की गयी है और उस रिकॉर्डिंग का एक अंश ही सोशल मीडिया में वायरल हुआ है. आपको मालूम है कि ‘स्क्रीन रिकॉर्डिंग एप’ के माध्यम से की गयी यह रिकॉर्डिंग करीब 21 सेकंड की है. प्रथम दृष्टया इसमें कोई काट-छांट की गई हो ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा है.
- इसके बावजूद माननीय मंत्री का बयान आया है कि इस वीडियो क्लिप में कट-पेस्ट किया गया है. उन्होंने यह भी कहा है कि इसमें मॉर्फिंग भी हो सकती है. पता नहीं वे मॉर्फिंग के बारे में कितना ज्ञान रखते हैं परंतु 21 सेकंड का वीडियो क्लिप शुरू से अंत तक देखने से इसमें मॉर्फिंग की संभावना प्रतीत नहीं हो रही है.
- वीडियो क्लिप वायरल होने के दो दिन बाद एक महिला की वीडियो रिकॉर्डिंग माननीय मंत्री जी के कार्यालय से सोशल मीडिया में प्रसारित की गई है, जिसमें वह महिला स्वीकार कर रही हैं कि इसमें उसकी तस्वीर है. वायरल हुए वीडियो क्लिप के बारे में वह भी वही बातें दोहरा रही हैं जो माननीय मंत्री जी पहले ही कह चुके हैं. अंतर इतना है कि वह महिला मंत्री जी के साथ हुए अश्लील वार्तालाप को अपने पति के साथ हुआ अश्लील वार्तालाप बता रही हैं और कह रही हैं कि उनके इस वार्तालाप की कटिंग-पेस्टिंग हुई और इसमें मंत्री जी को जोड़ दिया गया है. परंतु महिला यह नहीं बता रही है कि वह कौन है? कहां रहती है? उनके पति कौन हैं? उन्होंने अपने पति के साथ यह वीडियो चैट कब किया है? क्या उन्होंने अपने पति के साथ ऐसी चैटिंग अक्सर करते रहती हैं? इस चैटिंग में वे यह नहीं बता रही हैं कि उन्होंने अपने पति के साथ हुई चैटिंग में अपनी ओर से जिस मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया है उसका नंबर क्या है? तथा उसके पति ने चैटिंग में जिस नंबर का इस्तेमाल किया है उसका नंबर क्या है? वह फोन कहाँ है? इसके बारे में इस महिला से पुलिस को पूछताछ करने की आवश्यकता है.
- इस महिला की वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर आए 2 दिन हो गये परंतु यह आधिकारिक सूचना नहीं है कि पुलिस ने उस महिला की तलाश किया है या नहीं? यह पता किया जाना चाहिए कि वास्तव में क्या यह महिला वही है जिसका मंत्री महोदय से अश्लील वीडियो चैट विगत 23 अप्रैल को वायरल हुआ है या कोई अन्य है. इसमें यह भी पता नहीं चल पा रहा है कि जमशेदपुर पुलिस अभी तक इस महिला के पति तक पहुंची है या नहीं? मेरी समझ से इस महिला और इसके पति का इस बारे में बयान लिया जाना अत्यंत आवश्यक है.
- इसी तरह विगत 23 अप्रैल को वायरल हुए वीडियो चैट में माननीय मंत्री जी की भाव भंगिमा और उनके सामने प्रदर्शित की जा रही महिला की तस्वीर पर भी पुलिस द्वारा गौर किया जाना चाहिए. यदि माननीय मंत्री जी को इस चैट में कट-पेस्ट और मॉर्फिंग दिखाई पड़ती है तो उनसे पूछा जाना चाहिए कि अगर वास्तव में इस महिला की भूमिका कट-पेस्ट कर वीडियो क्लिप में जोड़ी गई है तो मंत्री जी अपनी ओर से यह वार्तालाप किसके साथ कर रहे हैं? और इस वार्तालाप में वे मोबाइल पोजिशिनिंग के बारे में आगे पीछे करने का निर्देश किसे दे रहे हैं? तथा यह दृश्य उनके किस मोबाइल से सामने आ रहा है. इस बारे में माननीय मंत्री जी से सबसे पहले पूछताछ की जानी चाहिए.
- यदि माननीय मंत्री तथा संबंधित महिला और उसके पति के वक्तव्य में अंतर पाया जाता है तो मंत्री जी तथा उस महिला और उसके पति को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जानी चाहिए.
- मंत्री और संबंधित महिला का अश्लील वार्तालाप समाप्त होते ही फ्रेम में एक महिला की तस्वीर उभरती है. इस महिला के गले के ऊपरी हिस्से में एक मस्सा दिखाई पड़ता है परंतु दो दिन पूर्व जिस महिला का वीडियो रिकॉर्डिंग मंत्री जी के कार्यालय से प्रसारित किया गया है उसकी गर्दन पर मस्सा नहीं है. आंख का रंग तो लेंस के माध्यम से बदला जा सकता है परंतु गला के ऊपरी भाग का मस्सा नहीं हटाया जा सकता. तो सवाल उठता है कि क्या मंत्री जी के साथ अश्लील वार्ता में भाग ले रही महिला और दो दिन पहले रिकॉर्डिंग वीडियो प्रस्तुत करने वाली महिला एक ही हैं या अलग अलग. इस बारे में जमशेदपुर पुलिस को स्पष्ट जबाव देना चाहिए.
- यदि पुलिस मंत्री और महिला के बीच अश्लील वार्तालाप के वायरल वीडियो की सत्यता परखने तक ही अपने अनुसंधान को सीमित रखना चाहती है तो यह अनुसंधान सही निष्कर्ष पर नहीं पहुंचेगा. अनुसंधान के दौरान पुलिस को ऊपर वर्णित बिंदुओं में अंकित विवरण को ध्यान में रखकर तथ्य संग्रह करना होगा. बेहतर होगा कि इस कांड का स्वतः संज्ञान लेकर पुलिस अपना एक अलग एफआईआर दर्ज करे और उसमें मंत्री जी को भी और उनके साथ अश्लील वार्तालाप कर रही महिला को भी अभियुक्त बनाये. सबसे पहले पुलिस इन दोनों का बयान ले ओर इनके बयानों के आलोक में आगे अनुसंधान की दिशा निर्धारित करे तदुपरांत विधिसम्मत कारवाई करे.
- मुझे आशंका है कि इस कांड के अनुसंधान में जमशेदपुर पुलिस को मंत्री जी के प्रभाव से स्वयं को मुक्त रख पाना संभव नहीं होगा. इसलिए मेरा सुझाव है कि भारतीय दंड संहिता एवं साइबर कानून के प्रासंगिक प्रावधान के अनुरूप इस कांड के अनुसंधानकर्ता अधिकारी अपने स्तर से तो अनुसंधान करें, परंतु इसका पर्यवेक्षण पूर्वी सिंहभूम जिला पुलिस के अधिकारियों से कराने के बदले राज्य सरकार के कम से कम आईजी स्तर के पदाधिकारी से कराना उपयुक्त होगा.