जमशेदपुर : पूर्व सांसद सह सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि पीएम मोदी की ओर से 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर पधार कर सरना धर्म कोड मान्यता की घोषणा नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है. भारत के प्रकृति पूजक आदिवासियों की जन भावना का अपमान है. आपने बहुत कुछ दिया मगर आत्मा नहीं दिया. आदिवासी सेंगेल अभियान बहुत दुखी है. सरना आंदोलन को और तीव्र करेगा.
सालखन मुर्मू ने महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अवगत कराया है. ओड़िशा सरकार की कैबिनेट ने 15 नवंबर को फैसला किया है कि आदिवासी की जमीन कोई भी ले सकता है. यह असंवैधानिक के साथ आदिवासियों के अस्तित्व पर सीधा हमला है. डेथ वारंट की तरह है. इसे रोकने की कृपा करें.
टीएसी की बैठक में लिया गया गलत फैसला
इसी तर्ज पर 16 नवंबर को झारखंड सरकार ने असंवैधानिक रूप से गठित TAC की बैठक बुलाकर सीएनटी/एसपीटी कानून में आदिवासी जमीन के हस्तांतरण का गलत फैसला लिया है. यह भी आदिवासी अस्तित्व पर हमला है. एक तरफ जहां यह TAC राज्यपाल के अधिकारों को हड़प कर बिना राज्यपाल की सहमति से बनी है, वहीं इसका आदिवासी विरोधी फैसला निंदनीय भी है. राष्ट्रपति को प्रेषित पत्र में इसकी भी जानकारी देते हुए रोक की मांग की गई है.
कोर्ट में लंबित है मामला
ज्ञातव्य हो कि इसी प्रकार के असंवैधानिक गठित TAC में रघुवर दास, तब झारखंड मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 3.11. 2016 को सीएनटी/एसपीटी कानून का गलत संशोधन कर आदिवासी जमीन को हड़पने का फैसला लिया गया था. जिसको हमने झारखंड हाई कोर्ट में रिट संख्या 6595 / 2016 DV Dated 17.11.16 दायर कर तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के सहयोग से बचाया था.
माल्हो मार्डी पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं
मल्हो मार्डी, सेंगेल महिला मोर्चा, ओड़िशा प्रदेश अध्यक्ष के साथ 15.11.23 को अनशन के बीच रायरंगपुर थाना, मयूरभंज उड़िसा में थाना इंचार्ज रोजलीना बेहरा ने लात जूता, मारपीट और गंदी-गंदी आदिवासी विरोधी गालियां देकर मल्हो मार्डी के साथ बहुत अन्याय और अत्याचार किया था. सीसीटीवी को ढक कर रखा गया था. थाना में बंद करके मल्हो मार्डी के साथ भयंकर प्रताड़ना का खेल किया गया. तत्पश्चात मल्हो मार्डी बगल में अवस्थित सरकारी सदर अस्पताल में जाकर इलाज करने को मजबूर हुई.
सालखन पहुंचे रायरंगपुर
जानकारी मिलने पर 16 नवंबर को खुद सालखन मुर्मू मयूरभंज में रायरंगपुर के स्थानीय एसडीओ और डीएसपी के साथ मुलाकात की थी. जिले के एसपी के साथ फोन पर बातचीत की. जांच कर कठोर कार्रवाई की मांग की. आज ओड़िशा के नवनियुक्त राज्यपाल रघुवर दास जी को पत्र लिखकर अभिलंब उचित जांच कर रायरंगपुर थाना इंचार्ज को एससी/एसटी उत्पीड़न निरोधी कानून 1989 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजने एवं अन्य उचित दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की.