जमशेदपुर : टाटा स्टील द्वारा संचालित मिसेज केएमपीएम इंटर कॉलेज बंद होने से हजारों छात्रों को परेशानी हो रही है। टाटा स्टील ने अपने सामाजिक दायित्व को भूल कर शिक्षा विभाग को ही बंद कर दिया । इसके तहत दर्जनों स्कूल चलते थे। अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने एक बयान जारी कर कहा कि शहर के बुद्धिजीवी राजनीतिक दल से जुड़े लोग और सामाजिक कार्यकर्ता इस मामले को लेकर क्यों चुप है । समझ से परे है। बिष्टुपुर स्थित मिसेज केएमपीएम इंटर कॉलेज आरडी टाटा हाई स्कूल एक जमाने में नामी-गिरामी स्कूल हुआ करता था। यहां से सैकड़ों की संख्या में बच्चे पढ़कर डॉक्टर इंजीनियर बना करते थे। टाटा स्टील अपने कर्मचारी पुत्रों को मामूली फीस लेकर अच्छी शिक्षा मुहैया करवाते थे । टाटा स्टील ने बाद के दिनों में शिक्षा विभाग को ही बंद कर दिया। अपने स्कूलों को दूसरे संस्था के माध्यम से चलाने के लिए दे दिया। अब मिसेज केएमपीएम इंटर कॉलेज में प्रोफेशनल कोर्स एक संस्था के माध्यम से चलाई जा रही है। टाटा स्टील अपने सामाजिक दायित्व को भूल कर शिक्षा स्वास्थ्य और जन सेवा को दर किनार कर रही है, जबकि टाटा स्टील लीज नवीकरण में यह प्रावधान है कि जमशेदपुर वासियों को कंपनी की ओर से शिक्षा स्वास्थ्य समेत बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। यह साल मिसेज केएमपीएम इंटर कॉलेज के लिए स्थापना दिवस का साल है। शहर के जागरूक लोगों को इस दिशा में पहल करते हुए जोरदार आवाज उठानी चाहिए। राज्य में किसी दल की सरकार हो वह टाटा स्टील के लीज नवीकरण की शर्तों को लागू करवाने में असमर्थ है । ऐसी सूरत में जनता को ही आगे बढ़ने की जरूरत है। अधिवक्ता ने कहा है कि कंपनी प्रबंधन के इस मनमानी के खिलाफ जोरदार आंदोलन चलाया जाएगा।