Ashok Kumar
जमशेदपुर : शहर सीतारामडेरा गुरुद्वारा मेन रोड पर 9 नवंबर 2019 को गुरुचरण सिंह बिल्ला पर हुई फायरिंग के मामले में मंगलवार को सिदगोड़ा न्यू टाटा लाइन होल्डिंग नंबर 18 के रहनेवाले चरणजीत सिंह ने एडीजे चार राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत में गवाही दी. गवाही में कहा कि गुरमुख सिंह मुखे और अंबे ने बिल्ला को रास्ते से हटवाने के लिये गोली चलवायी थी. गवाही में उसने कहा कि घटना के दिन सुबह के समय वे अपने घर पर थे. सुरेंद्र सिंह सिंदे ने फोन कर बताया था कि सुबह 4.30 बजे गुरूचरण सिंह बिल्ला को सीतारामडेरा के आदिवासी उच्च विद्यालय के पास गोली मारी गयी है. टीएमएच मे इलाज चल रहा है.
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वर्चस्व के लिये मुखे व अंबे में करवाया था हमला
चरणजीत सिंह ने कोर्ट को बताया कि वर्चस्व स्थापित करने के लिये गुरुमुख सिंह मुखे और अमरजीत सिंह अंबे ने उनपर हमला करवाया था. अंबे के साथ गुरुचरण सिंह बिल्ला का पहले भी विवाद हुआ था. तब मामला सिदगोड़ा थाने में भी दर्ज कराया गया था.
यह था मामला
झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष गुरुचरण सिंह बिल्ला को 9 नवंबर 2019 को सीतारामडेरा थाना क्षेत्र में गोली मारी गयी थी. घटना के बाद पुलिस ने मामले में शूटर उत्तम पंडा उर्फ बूढ़ा और राजकिशोर महतो को जेल भेजा था. मामले में पुलिस ने गुरमुख सिंह मुखे और अमरजीत सिंह अंबे को गिरफ्तार कर 19 नवंबर 2019 को जेल भेजा था. बिल्ला को रास्ते से हटाने के लिये 5 लाख का सौदा हुआ था. इसमें 40 हजार रुपये एडवांस में दिया गया था. बाकी की राशि काम होने के बाद देने की बात हुई थी.
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