जमशेदपुर।
खालसा पंथ के संस्थापक सह सिख धर्मावलंबियों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह के 356वें प्रकाशोत्सव लौहनगरी में 29 दिसंबर को मनाया जायेगा.
सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संसद श्री अकाल तख्त हरिमंदिर जी, अमृतसर से जारी हुक्मनामा के अनुसार रविवार को जमशेदपुर के सिखों
में व्याप्त भ्रम को समाप्त कर दिया गया.
सीजीपीसी संचालन समिति की अध्यक्षता में सभी गुरुद्वारा प्रतिनिधियों की मौजूदगी में टेल्को गुरुद्वारा से नगर कीर्तन निकालने पर मोहर
लगी. इसी के साथ ही नगर कीर्तन को भव्य बनाने की तैयारियां भी शुरु हो गई हैं. गुरुद्वारों में भी प्रकाशोत्सव की तैयारियां की जाने लगी
है. सीजीपीसी संचालन समिति की बैठक में अमरजीत सिंह, दलजीत सिंह दल्ली, तारा सिंह, गुरदयाल सिंह व नरेंद्रपाल सिंह भाटिया के
अलावा मानगो के प्रधान सरदार भगवान सिंह, टेल्को के प्रधान गुरमीत सिंह तोते, ह्यूमपाइर के प्रधान दलबीर सिंह, साकची के पूर्व
प्रधान हरविंदर सिंह मंटू, निशान सिंह, जग्गा सिंह, गोलपहाड़ी के प्रधान लखविंदर सिंह समेत कई मौजूद थे. इस बैठक में हर गुरुद्वारा
से केवल एक प्रतिनिधि को आमंत्रित किया गया था, लेकिन प्रधानों के सचिव समेत कई और समर्थक भी मौजूद रहे.
चुनाव के मुद्दे पर फिर हो गई गर्मागर्मी
दूसरी ओर, प्रकाश पर्व के एजेंडे के बाद सीजीपीसी प्रधान पद के चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई, जो कि काफी हंगामेदार रही. एक-दूसरे के खिलाफ अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल, गाली-गलौज, देख लेने की धमकी देने से भी बैठक में शामिल सदस्य किसी तरह पीछे नहीं हटे. सीजीपीसी संचालन समिति के एक सदस्य ने प्रधान पद के दावेदार पर यह आरोप लगाया कि वह गुंडों के लेकर आया तो उसका जोरदार विरोध हुआ, जिसके बाद संचालन समिति के दो सदस्य दलजीत सिंह दल्ली और तारा सिंह बैठक छोड़कर निकल गये. हंगामा बढ़ता देख प्रधान पद के उम्मीदवार हरविंदर सिंह मंटू, महेंद्र सिंह व तरसेम सिंह सेम्मे ने बैठक से निकलना ही श्रेष्यकर समझा. बैठक में मौजूद विभिन्न गुरुद्वारा के प्रधान -पदाधिकारियों ने संचालन समिति के सदस्य सरदार अमरजीत सिंह, सरदार गुरदयाल सिंह व सरदार नरेंद्र पाल सिंह भाटिया से कहा कि वे मैजोरिटी के आधार पर फैसला लें. वे तीन सदस्य हैं, सभी की राय सुने और फिर फैसला सुनायें. हंगामा शांत होने के बाद फिर से बैठक शुरू हुई. बैठक को बेहतर ढंग से संचालित कराने में टेल्को के प्रधान सरदार गुरमीत तोते और रिफ्यूजी कॉलोनी के प्रधान सह सीजीपीसी चुनाव के प्रत्याशी हरमिदंर सिंह मिंदी ने अहम भूमिका निभायी. उन्होंंने सुझाव दिये, जिसे सभी ने मान लिया. यह भी तय हुआ कि नगर कीर्तन के बाद चुनाव की तिथि का ऐलान किया जायेगा. सीजीपीसी संचालन समिति के सदस्यों ने फैसला किया कि बर्मामाइंस गुरुद्वारा, संत कुटिया गुरुद्वारा और ह्यूम पाइप गुरुद्वारा कमेटी का चंदा स्वीकार किया जायेगा. चुनावी प्रक्रिया के दौरान तय तिथि पर इन तीनों गुरुद्वारा कमेटियों ने अपना चंदा जमा नहीं कराया था. सीजीपीसी संचालन समिति ने पूर्व में इनका चंदा लेने से इनकार कर दिया था. साथ ही यह भी कहा था कि यदि प्रत्याशी चाहेंगे तो चंदा स्वीकार होगा. सीजीपीसी संचालन समिति की चुनावी प्रक्रिया को लेकर भी सवाल लगातार उठ रहे थे कि चुनाव की तिथि तय किये बिना ही प्रक्रिया मन मर्जी चलायी जा रही है. प्रधान पद के दावेदार हरविंदर सिंह मंटू और महेंद्र सिंह ने इन तीनों गुरुद्वारों को वोटिंग राइट नहीं देने की लिखित शिकायत की थी. अन्य दावेदार हरमिंदर सिंह मिंदी ने कहा कि सीजीपीसी संविधान में चंदा के आधार पर वोटिंग राइट रोकने संबंधी कोई आदेश नहीं है. इसके बाद उनकी शिकायत को खारिज कर दिया गया.
सीजीपीसी संचालन समिति ने सदस्यों की सलाह पर टिनप्लेट, सीतारामडेरा और सोनारी गुरुद्वारा कमेटी को भी चुनावी प्रक्रिया में शामिल कराने का सशर्त फैसला किया. पूर्व में इन कमेटियों पर यह आरोप लगाते हुए इन्हें चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखने की लिखित शिकायत की गयी कि यहां चुनाव नहीं हुआ है. सीजीपीसी के पिछले चुनाव में भी तीन कमेटियों को चुनावी प्रक्रिया पूरी नहीं करने के आधार पर वोटिंग राइट से वंचित कर दिया गया था. सर्वसम्मति के बाद यह तय हुआ कि टिनप्लेट, सीतारामडेरा और सोनारी गुरुद्वारा में प्रत्याशियों के आधार पर वोटिंग राइट प्रदान किये जायें. गुरुद्वारों को जितने वोट का अधिकार है,. वह प्रत्याशियों में बांट दिया जाये. इसके बाद सोनारी के दो गुटों को पांच-पांच, सीतारामडेरा व टिनप्लेट के तीन-तीन प्रत्याशियों को तीन-तीन वोट अपनी मर्जी से तय करने का अधिकार प्रदान किया गया. इसके बाद मीटिंग की कार्रवाई रिकार्ड कर सभी ने उस पर हस्ताक्षर कर दिया. सीजीपीसी संचालन समित के सदस्यों ने कहा कि संबंधित निर्देश सभी को रविवार को जारी कर दिये जायेंगे. जो नहीं मानेंगे, वे स्वतंत्र हैं.