जमशेदपुर : झारखंड मुखी समाज ने विधायक सरयू राय को एक ज्ञापन सौंपकर जाति प्रमाण पत्र निर्गत की प्रक्रिया में पुरानी व्यवस्था को पुनः लागू करने की मांग की है. समाज की ओर से ज्ञापन में कहा गया है कि पूर्व में स्थानीय मुखिया और पदाधिकारी की अनुशंसा पर जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता था, जिसे फिर से लागू किया जाना चाहिए.
ज्ञापन में कहा गया है कि मुखी समाज के अधिकांश लोग झारखंड के मूल निवासी हैं और पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं, लेकिन वे भूमिहीन हैं. वर्तमान व्यवस्था में जाति प्रमाण पत्र के लिए खतियान की अनिवार्यता के कारण समाज के लोगों को प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है. इससे नई पीढ़ी की शिक्षा, नौकरी और सरकारी योजनाओं में भागीदारी पर असर पड़ रहा है.
पहले की अनुशंसा आधारित व्यवस्था हो बहाल
समाज के प्रतिनिधियों ने मांग की है कि पहले की तरह स्थानीय मुखिया और पदाधिकारियों की अनुशंसा पर ही जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया जाए. उनका कहना है कि खतियान जैसी शर्त गरीब और मजदूर तबके के लिए अनुचित है, क्योंकि अधिकांश लोग भूमिहीन हैं और उनके पास इस प्रकार के दस्तावेज नहीं हैं. मुखी समाज ने विधायक सरयू राय से अपील की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप कर प्रशासन और सरकार के स्तर पर पहल करें, ताकि समाज को उनका वाजिब हक मिल सके और नई पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित हो सके.
ज्ञापन सौंपने के दौरान मुखी समाज के अध्यक्ष मनोज मुखी, सुरेश मुखी, राजू मुखी, नितिन मुखी, संदीप मुखी, देव मुखी, संजय कंसारी, पोरेस मुखी और अनिकेत मुखी उपस्थित थे.