जमशेदपुर
बहारोगोड़ा की रहने वाली एक शादी-शुदा महिला से यौन शोषण करने, गर्भवती होने पर गर्भपात करवाने और अश्लील तस्वीर वायरल करने की धमकी देने के मामले में दारोगा रविरंजन कुमार को एडीजे 4 आरके मिश्रा की अदालत ने शनिवार को बरी कर दिया है. कोर्ट शनिवार को सजा के बिंदु पर सुनवायी कर रही थी. रविरंजन की जब जमानत हुई थी, तब ही उसने कोर्ट के आदेश पर महिला को 2 लाख रुपये ऑन लाइन मुआवजा के रूप में पेमेंट किया था. उसी का लाभ दारोगा को कोर्ट से मिला है.
ये थी घटना
दोनों की दोस्ती सितंबर 2020 में सोशल मीडिया के माध्यम से हुई थी. इसके बाद एक रात दारोगा महिला से मिलने के लिये उसके घर पर गया था. रविरंजन बहरागोड़ा थाने में एसआई के पद पर कार्यरत थे. महिला का पति से विवाद होने पर उसने पति से भी तलाक करवा दिया था. तलाक करवाने के बाद कहा था कि वह उसे पहले बीएड करवायेगा उसके बाद शादी कर लेगा. महिला ने आरोप लगाया था कि दारोगा का बिरसानगर में तबादला होने के बाद भी वह मिलने के लिये आता था. उसके बहकावे में आकर ही उसने कोर्ट में तलाक की अर्जी दी थी. दरोगा महिला को अपने साथ गोलपहाड़ी मंदिर घुमाने लेकर गया था. वहां पर उसने जबरन मांग में सिंदूर भर दिया था. होली बाद रीति रिवाज के साथ शादी करने का झांसा दिया था. इसके बाद महिला को बिरसानगर मधुबन फ्लैट के कमरा नंबर 301 में डेढ़ माह तक रखे हुये था. दोनों यहां पर पति-पत्नी के रूप में रह रहे थे.
समस्तीपुर का रहने वाला है दारोगा
दारोगा रविरंजन की बात करें तो वह मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर का रहने वाला है. मां के बीमार होने का बहाना बनाकर वह बिरसानगर से छुट्टी लेकर गया था और उसने गांव में शादी कर ली थी. मामला दर्ज होते ही उसके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट निकला था. तब एसएसपी डॉ. एम तमिल वाणन ने कहा था कि आरोपी दारोगा की गिरफ्तारी होगी, लेकिन बाद में उसे हाई कोर्ट से जमानत मिल गयी थी. अब उसे कोर्ट ने बरी कर दिया है.