जमशेदपुर।
टाटा स्टील के अधिकारियों ने राजस्थान पुलिस की मदद से 21 सितंबर, 2022 को राजस्थान के सीकर जिले में मेसर्स खंडेलवाल ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (केटीसी) पर एक संयुक्त छापेमारी की, जहां नकली टाटा वायरॉन बाइंडिंग वायर्स बेचे जा रहे थे। टाटा वायरॉन के बाइंडिंग वायर विशिष्ट प्रकार से पैक किए जाते हैं और सभी मूल उत्पाद एक ही प्रकार की पैकेजिंग के साथ अधिकृत डीलरों और डिस्ट्रीब्यूटर्स द्वारा ही बेचे जाते हैं।
इस अवैध और अनैतिक गतिविधि के बारे में सूचना प्राप्त होने पर, टाटा स्टील ने राजस्थान पुलिस के साथ मिलकर 21 सितंबर, 2022 को संयुक्त रूप से छापेमारी करते हुए लगभग 22 लाख रुपए मूल्य के नकली उत्पादों को जब्त किया। इस मामले में उक्त कंपनियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 483 और 486 तथा ट्रेडमार्क अधिनियम की धारा103 और 104 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
टाटा वायरॉन के नाम का यह अनधिकृत उपयोग टाटा स्टील लिमिटेड के बौद्धिक संपदा अधिकारों का उल्लंघन है। केटीसी के मालिक घटिया गुणवत्ता के नकली बाइंडिंग तार बेच रहे थे और इसे असली टाटा वायरॉन उत्पादों के रूप में उपभोक्ताओं को बेच रहे थे।
उत्पादों की गुणवत्ता के कारण उपभोक्ताओं के मन में टाटा स्टील के उत्पादों के प्रति अच्छी भावना है। वायर प्रोडक्ट्स पर टाटा नाम के ऐसे अनधिकृत उपयोग, जो टाटा स्टील उत्पादों के गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं करते हैं, ने टाटा स्टील की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है। टाटा स्टील बिना पूर्व अनुमति के टाटा स्टील और टाटा संस के ट्रेडमार्क और लोगो के दुरुपयोग की कड़ी निंदा करती है। अपनी ब्रांड प्रतिष्ठा और साख की रक्षा के लिए, टाटा स्टील की ब्रांड प्रोटेक्शन टीम लगातार उन संस्थाओं की निगरानी और उनपर कार्रवाई करती है जो नकली होने के साथ ही ब्रांड के बौद्धिक संपदा अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं।
टाटा स्टील ऐसी किसी भी अवैध गतिविधियों की निगरानी और कार्रवाई करने के इन प्रयासों को जारी रखेगी, जो इसकी संपत्ति और बड़े पैमाने पर ग्राहक बिरादरी पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं।