जमशेदपुर। बिष्टुपुर सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन मथुरा से आये कथा वाचक हिमांशु महाराज ने व्यासपीठ पर आसीन होकर कथा का व्याख्यान करते हुए शिव-पार्वती विवाह एवं शिव चरित्र का वर्णन किया गया। शिव को ब्याहने चले…, भोले की बारात चली सज धज चली…, जैसे सुंदर-सुंदर भजन पर श्रद्धालुओं ने आनंद लिया व शिव विवाह प्रसंग का वर्णन सुन मंत्रमुग्ध हो गए। महाराज जी ने कहा कि जीवन रूपी नैया को पार करने के लिए भगवान नाम ही एक मात्र सहारा है। वर्तमान दौर में ऐसा कोई मनुष्य नहीं है जो दुखी न हो। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं होता है कि हम भगवान का स्मरण करना ही छोड़ दें। जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे। भगवान शिव का स्मरण करने मात्र से हर एक विषम परिस्थिति को पार किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि शंकर भगवान अविनाशी निराकार स्वरूप है। सदैव भक्तों पर कृपा करते हैं। जो भक्त श्रद्धा मन विश्वास से अगर शिव महापुराण का पूजन करते हैं उन्हें सहज में ही शिव लोक प्राप्त होता है। दूसरे दिन बुधवार को पूजा यजमान के रूप में ओमप्रकाश संघी, संतोष गर्ग, पियुष चौधरी, सुरेश सुनिता नरेड़ी समेत प्रसाद के यजमान विश्वनाथ रूंगटा, चोथमल चिरानिया एवं मोतीलाल जगदीश प्रसाद खेमका उपस्थित थे। इस मौके पर प्रमुख रूप से सुरेश अगीवाल, सत्यनारायण नरेड़ी, अशोक नरेड़ी, मुरारीलाल नागेलिया, कुंजविहारी नागेलिया, हरिशंकर सोंथालिया समेत काफी संख्या में भक्तगण शामिल थे।