जमशेदपुर।
सिख धर्मावलंबियों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व 8 नवंबर को जमशेदपुर के गुरुद्वारों में श्रद्धाभाव व हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा. इसकी तैयारीयां शुरू हो चुकी हैं. प्रकाश पर्व को लेकर जमशेदपुर में नगर कीर्तन निकाला जाता है. पिछले दो साल से कोरोना को लेकर नगर कीर्तन नहीं निकाला जा रहा था. इस बार नगर कीर्तन निकलने को लेकर संगत में खासा उत्साह बना हुआ है. जमशेदपुर के अब तक के इतिहास में नगर कीर्तन सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की देख रेख में निकलता रहा है, लेकिन इस बार सिख समाज में दो गुटों के बीच हुए विवाद के बाद पहली बार ऐसा होगा की यह तख्त पटना साहेब की ओर से बनाई गई पांच मेंबरी कमेटी के अधीन निकलेगा. गत 20 अक्टूबर को इस विवाद पर तख्त साहेब के कार्यकारी अध्यक्ष ज्ञानी बलदेव सिंह की ओर से विराम दिया गया है, जिसके बाद संगत में भी अच्छा माहौल देखने को मिल रहा है. शनिवार को नगर कीर्तन की तैयारी को लेकर तख्त साहेब से गठित कमेटी के प्रतिनिधि सीजीपीसी कार्यालय स्थित श्री गुरु तेग बहादुर मेमोरियल हॉल में पहली बैठक करने के लिए एकत्र हुए. उसमें आपसी विचार विमर्श एवं अच्छे वातावरण में नगर कीर्तन को निकाले जाने की रूप रेखा तैयार की गई. पदाधिकारियों ने इसे लेकर जमशेदपुर के तमाम गुरुद्वारा के प्रधान व महासचिव की बैठक 26 अक्टूबर को शाम चार बजे बुलाई है. बैठक में विचार विमर्श करने के बाद तय किया जायेगा की नगर कीर्तन किस गुरुद्वारा से निकलेगा. वैसे तीन गुरुद्वारा कमेटीयां क्रमशः सोनारी, जुगसालाई गौरी शंकर रोड और जेम्को आजादबस्ती से नगर कीर्तन निकालने को लेकर पूर्व में सीजीपीसी को आवेदन दिया गया है. कमेटी ने और भी इच्छुक गुरुद्वारा कमेटीयों से आवेदन करने की पहल की है. 26 की बैठक में नगर कीर्तन निकालने की अगर सर्वसम्मती नहीं होगी तो लॉटरी के माध्यम से गुरुद्वारा का चयन किया जायेगा. इसके साथ ही पूर्व के आवेदन को बैठक में पांच मेंबरी कमेटी को सम्बोधित करते हुए सुधार भी कराया जायेगा. कमेटी के गुरदयाल सिंह ने बताया की नगर कीर्तन के बाद सेंट्रल दीवान भी सजाया जायेगा. पूर्व की परम्पराओं को जारी रखा जायेगा. बैठक में पांच मेंबरी कमेटी के एक सदस्य तारा सिंग आउट ऑफ स्टेशन होने के कारण उपस्थित नहीं हुए. शेष चार मेंबर तार कंपनी गुरुद्वारा के प्रधान अमरजीत सिंह, गुरदयाल सिंह, दलजीत सिंह दल्ली और नरेन्द्र पाल सिंह भाटिया मौजूद थे.