जमशेदपुर।
गम्हरिया गुरुद्वारा साहब में सिख नौजवान सभा द्वारा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं स्त्री सत्संग सभा के सहयोग से श्री गुरुग्रंथ साहब जी का प्रकाश उत्सव बड़े पैमाने पर मनाया गया. इस मौके पर भाई मनप्रीत सिंह द्वारा शब्द कीर्तन गायन किया गया. इस विशेष मौके पर नौजवान सभा के प्रधान जगजीत सिंह कलसी ने गम्हरिया के थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह, झारखंड प्रदेश गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार शैलेंद्र सिंह, सीजीपीसी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे, गम्हरिया गुरुद्वारा के प्रधान डॉ अमरजीत सिंह, मानगो गुरुद्वारा के महासचिव जसवंत सिंह जस्सू, चरण सिंह, सिख स्त्री सभा की प्रधान राजेंद्र कौर, माता करतार कौर को शाल भेंट कर सम्मानित किया गया. थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह ने अपने संबोधन में सिख समुदाय को गुरुग्रंथ साहिब के प्रकाश उत्सव की बधाई देते हुए सिखों द्वारा देश हित में जनहित में किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की एवं अच्छे कार्य में सहयोग देने का आश्वासन दिया. झारखंड गुरुद्वारा के प्रधान सरदार शैलेंद्र सिंह ने गुरुग्रंथ साहब में दर्शाए गए रास्ते पर चलने का अनुरोध किया. इस धार्मिक समागम को सफल बनाने में प्रधान डॉ अमरजीत सिंह संचालनकर्ता महासचिव भूपेंद्र सिंह, मनपत सिंह, निर्मल सिंह इंदरजीत सिंह, तेजवीर सिंह, गुरमीत सिंह, जसप्रीत सिंह, राजवीर सिंह, साहिब राज सिंह, नवदीप सिंह, नवजीत सिंह, ओंकार सिंह, कुणाल शर्मा आदि का उल्लेखनीय सहयोग रहा.दूसरी जुगसलाई स्टेशन रोड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के तत्वधान में श्री गुरुग्रंथ साहिब जी के प्रकाश उत्सव पर भाई करनैल सिंह जी कीर्तनी जत्थे द्वारा शबद गायन किया गया. कथा वाचक के रूप में ज्ञानी जगजीत सिंह द्वारा कथा के माध्यम से श्री गुरुग्रंथ साहब के बताए मार्ग पर चलने का अनुरोध किया. इस विशेष मौके पर झारखंड प्रदेश गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार शैलेंद्र सिंह, कविता प्रतियोगिता की प्रमुख सिमरन कौर को सिरोपा देकर सम्मानित किया गया. इस विशेष कार्यक्रम को सफल बनाने में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान महेंद्र पाल सिंह, सीनियर प्रधान नरेंद्र पाल सिंह, मुख्य सलाहकार हरदीप सिंह, जरनैल सिंह, हरजीत सिंह, कुलविंदर सिंह, सतपाल सिंह, बलविंदर सिंह, नरेंद्र सिंह, बबली सिंह, रोमी सिंह, कर्म सिंह, गुरमेल सिंह, रघुवीर सिंह, महाराजा रणजीत सिंह सेवा दल एवं स्त्री सत्संग सभा के अन्य सदस्य सक्रिय थे.साथ में गुरु गुरु का अटूट लंगर किया गया.