धीरज कुमार
जमशेदपुर।
सरकारी उदासीनता के कारण पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला प्रखंड अंतर्गत काड़ाडुबा पंचायत स्थित केन्दोपोषी प्राथमिक विद्यालय के बच्चे झोपड़ी में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। यहाँ का स्कुल भवन देखभाल के अभाव में खस्ताहाल में तब्दील हो जाने से आस-पास के गाँव के बच्चे ग्रामीणों के श्रमदान से बने स्कुल में शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं।
पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला प्रखंड अंतर्गत के काड़ाडूबा पंचायत क्षेत्र का केंदोपोशी प्राथमिक विद्यालय भवन पूरी तरह जर्जर हो गया है। इस विद्यालय में एक मात्र शिक्षिका सुमित्रा मुर्मू हैं जो प्रधानाध्यापिका भी हैं. अकेले वे यहाँ पढाई कर रहे बच्चों में शिक्षा का अलख जला कर उनके भविष्य संवारने में लगी है. प्रधानाध्यापिका सुमित्रा मुर्मू कहती हैं कि विद्यालय में कक्षा एक से पांच तक की पढ़ाई होती है. कुल 53 बच्चे यहाँ अध्ययनरत हैं। स्कुल के जर्जर होने से झोपडी में क्लास चलती है. बारिश के दिनों में बहुत परेशानी होती है। बारिश होने पर बच्चे आस-पास के घरों में शरण लेते हैं। जर्जर भवन को देखते हुए ग्रामीणों ने श्रमदान कर झोपड़ी का निर्माण करा दिया है। फिर भी बरसात के समय में स्कूली बच्चों को सांप-बिच्छू का डर हमेशा सताता रहता है, क्योंकि यह क्षेत्र पठारी इलाका है. इस क्षेत्र में जहरीले सांपों की अधिकतर संख्या पाई जाती है। इसलिए वे भी बड़ी सावधानी से बच्चों को झोपड़ी में बैठा कर पढ़ाती है. स्कूली बच्चों ने राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री से गुहार लगाया है कि उनके जर्जर स्कूल भवन को देखते हुए नया भवन उपलब्ध करा दें ताकि उनकी पढ़ाई स्कूल भवन में हो सके ना की झोपड़ी में।