जमशेदपुर।
झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडिएट शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव राकेश कुमार पांडे ने एक बयान जारी कर कहा है कि राज्य के डेढ़ लाख इंटरमीडिएट विद्यार्थियों को पढ़ाने में राज्य सरकार का एक भी रुपया खर्च नहीं है |सरकार इन महाविद्यालयों से पास करने और टॉप करने पर अपना पीठ थपथपाने का कार्य करती है, लेकिन इन बच्चों को पढाने वाले संस्थान और उन में कार्य करने वाले शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों पर सरकार का ध्यान शुन्य है| ना हीं संस्थानो को अनुदान दिया जाता है और ना हीं इन संस्थानों में पढ़ने वाली लड़कियों का लॉस अॉफ ट्यूशन फीस ही दिया जाता है| (सरकार के आदेशानुसार लड़कियों से ट्यूशन फीस नहीं लिया जाता)यह एक तरीके का मानसिक शोषण है|
राकेश पाण्डेय ने कहा कि उनका संघ जल्द ही इस विषय को लेकर राज्य के माननीय शिक्षा मंत्री श्री जगन्नाथ महतो से मिलकर राज्य के 65 अंगीभूत महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को पारा शिक्षकों की तरह उचित मानदेय दिलाने, 60 साल तक सेवा सुनिश्चित करने, और योग्यता के अनुरूप राज्य के +2 स्कूलों में सेवा समायोजित करने का मांग करेगी|
विदित हो कि राज्य के 65 अंगीभूत महाविद्यालय में इंटरमीडिएट की पढ़ाई होती है जिसमें लगभग 150000 विद्यार्थी पढ़ते हैं| इन 65 केंद्रों में लगभग 1300 शिक्षक और 700 शिक्षकेत्तर कर्मचारी कार्यरत हैं|