जमशेदपुर। आज सोमवार को वर्ल्ड डेफ डे है यानि विश्व बधिर दिवस और साथ ही पीएम मोदी के जन्म दिन को लेकर पूरे देश में भाजपा सेवा पखवाड़ा मना रही है। ऐसे में इससे बेहतर दिन नहीं हो सकता था जब जमशेदपुर के फिरंगी पासवान और यशपाल शर्मा कान से पूरी तरह सुनने लगे। ऐसा संभव हो पाया डेढ़ लाख से भी ज्यादा कीमत के उन कान की दो मशीनों से जो उन्हें पूर्व विधायक सह झारखंड प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुणाल षांड़गी की पहल पर ‘विश्व बधिर दिवस’ पर प्रदान की गई। पिछले दिनों परसुडीह में आयोजित हेल्थ कैंप में रांची से आए डॉक्टर हर्ष कुमार ने वायदा किया था कि कम से दो सबसे जरूरतमंद लोगों को वे कान की ये महंगी मशीन उपलब्ध कराएंगे। आज वो वायदा पूरा करने के लिए वे खुद रांची से मशीन लेकर पहुंचे।
इस संबंध में पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने बताया कि जब उन्होंने दोनों वृद्ध की कहानी सुनी तब ही तय कर लिया था कि सेवा पखवाड़े के दौरान ही दोनों को सबसे पहले किसी तरह सहायता मुहैया कराई जाएगी। उस दिन के शिविर में इनकी जांच भी हुई थी जिसके बाद डॉक्टर ने बताया था कि इनको ऐसे मशीन की सख्त जरूरत है। फिरंगी पासवान किसी तरह मजदूरी कर गुजर बसर करते थे। लेकिन धीरे धीरे बिल्कुल न सुन पाने की वजह से वो काम भी हाथ से जाता रहा। किसी ने उन्हें एक मशीन उपलब्ध कराई जिससे कोई फायदा नहीं हुआ। सोमवार को जब उन्हें मशीन मिली तब वे सामने वाले के काफी धीरे बोलने पर भी साफ सुन पा रहे थे जो उन्हें अचंभित कर रहा था। कुणाल षाड़ंगी ने खुद धीरे से बोलते हुए बातचीत कर इसकी जाँच की। उधर जमशेदपुर के सिदगोड़ा क्षेत्र अंतर्गत 10 नंबर बस्ती के रहनेवाले यशपाल शर्मा भी बिल्कुल सुन नहीं पाते थे। वायदे के मुताबिक उन्हें भी आज डेढ़ लाख के मूल्य से अधिक राशि के कान की मशीन भेंट की गई। जिसे पाकर वे काफी खुश और उत्साहित दिखे।
यशपाल शर्मा ने अपने जीवन के संघर्ष के बारे बताते हुए कहा कि कैसे वो परिवार द्वारा सुधि न लेने से ओल्ड एज होम में जीवन व्यतीत करने को विवश हैं। उनकी व्यथा सुनकर सबकी आंखे भर आई। कहा कि अब मशीन पाकर वे प्रफुल्लित हैं। वहीं, वर्ल्ड डेफ डे के दिन ऐसी अनूठी मदद कर पूर्व विधायक सह प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी और डॉ हर्ष कुमार भी काफी संतोष महसूस कर रहे हैं।
दोनों वृद्धों को phonak Bolero70 hearing aid मशीनें दी गईं हैं। ये मशीनें बहुत उच्च गुणवत्ता वाली होती हैं जिनकी कीमत डेढ लाख से ज्यादा होती है। डा. हर्ष कुमार ने ईएनटी सेंटर, रांची और स्पीच एंड हियरिंग प्राईवेट लिमिटेड के सौजन्य से ये कान की दो मशीनें उपलब्ध कराईं।
ज्ञात हो कि विश्व बधिर दिवस बधिरों के अधिकारों को लेकर समर्पित है। इस दिन बधिरों के लिए कार्यरत लोग या संस्थाएं बधिरों के अधिकार के लिए अनवरत कार्य करने के संकल्प को दुहराती हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य समाज को बधिरों के प्रति जागरूक करना है ताकि सामान्य लोग ऐसे लोगों की तकलीफों को समझते हुए उन्हें जरूरी सहयोग करें। वर्ष 1958 में द वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ ने ‘वर्ल्ड डेफ डे’ की शुरूआत की थी।