जमशेदपुर : शहर से एक और नॉन बैंकिंग कंपनी करोड़ों रुपये लेकर रातोंरात फरार हो गई है. धीरे-धीरे भुक्तभोगी ग्राहकों को इसकी जानकारी मिलने पर वे परेशान हो गए और वे कार्यालय पर पहुंचे. ताला लटका देख उनकी परेशानी और बढ़ गई है. इसके बाद वे आजादनगर थाने पर पहुंचे. घटना के संबंध लिखित
कंपनी का नाम साज निधि बैंक दिया गया है. यह पिछले चार सालों से रन कर रही थी. यहां से गोल्ड लोन व अन्य तरह का लोन देने के साथ-साथ दैनिक कलेक्शन का भी काम किया जाता था. अब कंपनी में ताला लटका देखा जा रहा है.
कौन हैं डायरेक्टर जियाउर रहमान
बताया गया कि कंपनी के डायरेक्टर जियाउर रहमान हैं और उनका मकान भी आजादनगर ईलाके में ही है. वहां पर भी ताला लटका हुआ था. जियाउर्र खुद एक मसजिद के इमाम हैं. इस कारण से लोगों ने उनपर भरोसा किया था.
इन्हें बनाया गया है आरोपी
पूरे प्रकरण में डायरेक्टर के अलावा बैंक मैनेजर जुबैर जकी, डायरेक्टर आजरू अनवर, शाजिया नाज, नजीर जावेद आदि शामिल हैं.
एजेंटों ने ही कराया है मामला दर्ज
कंपनी पर ताला लटक जाने के बाद कंपनी के एजेंटों ने ही घटना के संबंध में मामला दर्ज कराया है. एजेंटों में मुख्तार आलम, मो. हाशिम खान, मो. अली अंसारी और बलायत हुसैन शामिल हैं. एजेंटों ने कहा है कि उन्हें मासिक 7000 रुपये देने वेतन देने के नाम पर काम पर रखा गया था. पिछले दो माह से उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा था. 10 मार्च 2024 से ही कंपनी पर ताला लटका हुआ है.
भुक्तभोगी ग्राहकों की परेशानी बढ़ी
साज पर ताला लटका होने से भुक्तबोगी ग्राहकों की परेशानी अब बढ़ गई है. मानगो की डॉ रीना आजमी का कहना है कि उन्होंने गोल्ड लोन लिया था. किस्त पूरा होने के बाद उन्होंने फिर से लोन लिया. वह जब अपना गोल्ड लेने गई तब कहा गया कि उनका गोल्ड सुरक्षित है. बाद में मिल जाएगा.
एजेंटों को मिलता था मासिक 3000 रुपये
बताया जा रहा है कि कंपनी की ओर से तीन एजेंट रखा गया था. इसमें मुख्तार के अलावा अन्य दो शामिल है. एजेंटों का कहना था कि उन्हें मासिक 3000 रुपये और कलेक्शन जमा करने पर कमीशन मिलता था.
पुलिस कर रही है जांच
मामला थाने तक पहुंचने के बाद पुलिस मामले में अपने स्तर से जांच कर रही है. पिछले चार सालों के अंतराल में कंपनी की ओर से कितने की ठगी लोगों से की गई है. इसका खुलासा तो जांच के बाद ही हो सकेगा. घटना के भुक्तभोगी का कहना है कि करोड़ों रुपये कंपनी लेकर फरार हो गई है.