जमशेदपुर।
जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय के सेमिनार हॉल में ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ कार्यक्रम के अंतर्गत ‘‘स्वतंत्रता के स्वर्णिम 75 वर्ष: झारखण्ड का योगदान’’ विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
बी0 एड0 की छात्राओं ने झारखण्ड के पारंपरिक नृत्य द्वारा अतिथियों का स्वागत किया। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि माननीय सांसद बिद्युत बरण महतो, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति प्रोफेसर (डॉक्टर) अंजिला गुप्ता, कुलसचिव डॉक्टर प्रभात कुमार सिंह, स्रोतविद् डॉ0 मित्रेश्वर, श्रीमती अर्पणा सिंह, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ0 किश्वर आरा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। संगीत विभाग के प्रध्यापक डॉ0 सनातन दीप एवं छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। कार्यशाला के संयोजक डॉ0 सुशील कुमार तिवारी ने स्वागत भाषण दिया। अतिथियों को अंगवस्त्र, स्मृति चिह्न एवं पौधा द्वारा सम्मानित किया गया।
एम0 बी0 ए0 की छात्रा पी0 एस0 सना द्वारा गणेश वंदना पर आधारित नृत्य की प्रस्तुति के पश्चात् माननीय मुख्य अतिथि सांसद बिद्युत बरण महतो ने अपने अभिभाषण में विस्तृत रूप से हुल आंदोलन, चुहाड़ विद्रोह का उल्लेख करते हुए झारखण्ड के अवदान में भगवान बिरसा, सिद्धो-कान्हो, तिलका माँझी के त्याग एवं देश प्रेम की भावना को अभिव्यक्त किया। छात्राओं में नव चेतना जागृत करते हुए उनका मार्गदर्शन कर बताया कि राष्ट्रीय भावना एवं चेतना के बिना हम नव भारत निर्माण की कल्पना नहीं कर सकते।
स्रोतविद् डॉ0 मित्रेश्वर ने अपने व्याख्यान में स्वतंत्रता का अर्थ स्पष्ट किया। उनके अनुसार जो अपना हो, जो मानव को सशक्त करे उसे तंत्र कहते है । इसी क्रम में झारखण्ड के सभी आन्दोलनकारी की भूमिका का विस्तृत वर्णन करते हुए कहा कि भारत में भरतीयों की प्रतिष्ठा नहीं हो तो कैसी आजादी? जनतंत्र ही हमारी सच्ची स्वतंत्रता है।
स्रोतविद् श्रीमति अर्पणा सिंह ने अपने अभिभाषण में झारखण्ड के वनवासियों के त्याग एवं कुर्बानी का उल्लेख करते हुए बौद्धिक, सांस्कृतिक स्वतंत्रता की लड़ाई के स्वरूप को रेखांकित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही माननीय कुलपति डॉ0 अंजिला गुप्ता ने अपने अभिभाषण में अमृत महोत्सव को व्यापक अर्थ में स्पष्ट किया। उन्होने इस अवसर पर झारखण्ड के उन स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का संकल्प लेने की प्रेरणा दी। उन नायकों को याद करके अमृत महोत्सव को सच्चे अर्थों में मनाया जा सकता है। उन्होने कहा कि यह संकल्प, आत्मनिर्भरता एवं राष्ट्र के जागरण का अमृत है जो वैश्विक शांति का संदेश देता है। शिक्षा की भूमिका तभी सार्थक होगी जब हम राष्ट्र निर्माण के सहभागी बन सकें। छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए यह स्पष्ट किया यह सिर्फ आयोजन ही नहीं बल्कि राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव अनवरत प्रवाहित हो तभी आजादी का अमृत महोत्सव सार्थक होगा।
कार्यक्रम का संचालन डॉ0 नुपूर अन्विता मिंज ने एवं धन्यवाद ज्ञापन जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ0 प्रभात कुमार सिंह ने किया। विश्वविद्यालय के सभी विभाग के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, अध्यापक गण एवं सभी संकाय की छात्र-छात्राऐं उपस्थित थी। मौके पर प्राॅक्टर, परीक्षा नियंत्रक, समन्वयक वोकेशनल कोर्सेज भी मौजूद रहे।राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई।