Ashok Kumar
जमशेदपुर : सरायकेला-खरसावां जिले के गम्हरिया प्रखंड बीरबांस गांव की रहनेवाली पद्मश्री छुटनी महतो पैरालिसिस का शिकार हो गयी है. सोमवार को उसके चेहरे पर पैरालिसिस के लक्षण पाये गये हैं. इसकी जानकारी राज्य के मंत्री चंपाई सोरेन को मिलने पर उन्होंने प्रतिनिधि के रूप में सरायकेला-खरासावां जिले के झामुमो अध्यक्ष सह 20 सूत्री के उपाध्यक्ष डॉ. शुभेंदु महतो को घर पर भेजा और बेहतर ईलाज कराने की व्यवस्था कर दी है.
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19 अप्रैल को टीएमएच में होगी भर्ती
डॉ. शुभेंदु महतो ने बताया कि इस विषय पर मंत्री चंपाई सोरेन की पहल पर जिले के डीसी अरवा राजकमल से भी बातचीत हुई है. उन्होंने बुधवार को टीएमएच में भर्ती कराने की बात कही है. इसके लिये सभी विभागीय प्रक्रियाओं को पूरा करने का काम किया जा रहा है. 19 अप्रैल की सुबह 9 बजे शुभेंदु महतो टीएमएच लेकर जायेंगे.
बेटे की पड़ी थी नजर
डॉ. शुभेंदु महतो ने बताया कि छुटनी महतो के बेटे की नजर चेहरे पर पड़ी थी. इसके बाद पता चला कि उसे पैरालिलिस है. इसके बाद यह बात पूरे गांव के साथ-साथ मंत्री चंपाई सोरेन तक भी पहुंच गयी. इस विषय पर चंपाई सोरेन ने कहा कि छुटनी महतो देश की धरोहर है. इसे बचाकर रखना जरूरी है.
डायन प्रथा के खिलाफ लड़कर बनायी है पहचान
छुटनी महतो ने अपनी पहचान डायन प्रथा के खिलाफ लड़कर बनायी है. उसकी चर्चा इतनी हो गयी उसे 2021 में पद्मश्री का पुरस्कार मिल चुका है. उसके पति का देहांत पहले ही हो गया है. घर में तीन बेटा है. इसमें एक बेटा पारा टीचर में कार्यरत है. जबकि दो बेरोजगार हैं. उनकी एक बेटी भी है.
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