जमशेदपुर : पटमदा के गोबरघुसी में बाल तस्करी एवं बाल विवाह को रोकने हेतु दो दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला का शुभारंभ शुक्रवार को हुआ। कार्यशाला के पहले दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े अध्यक्ष, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार श्री प्रियंक कानूनगो व पद्मश्री सुनीता कृष्णन तथा कार्यशाला में मौजूद उपायुक्त सह जिला दण्डादिकारी सूरज कुमार, वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ एम तमिल वणन एवं नेशनल एक्शन कोआर्डिनेशन ग्रुप के अध्यक्ष राजन मोहंती तथा अन्य अतिथियों ने बाल संरक्षण एवं अधिकार पर अपने विचार रखे। साथ ही इस मौके पर बाल कल्याण आश्रम में प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र का शुभारंभ श्री प्रिंयक कानूनगो द्वारा किया गया।
विषय प्रवेश करते हुए बाल कल्याण संघ के कार्यकारी सचिव एवं सीएसओ स्टैंडिंग कमिटी नीति आयोग के सदस्य श्री संजय कुमार मिश्र ने कहा कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के द्वारा तैयार किए गए एसओपी को ध्यान में रखते हुए कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को चिन्हित कर सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने का प्रयास है। बाल संरक्षण आयोग के सहयोग से बाल कल्याण संघ ने झारखंड के विभिन्न जिलों में पढ़ने वाले बच्चों को मैपिंग करने हेतु कार्यक्रम का शुरुआत किया है ।
इस मौके पर भारत सरकार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि वर्तमान में ह्यूमन ट्रैफिकिंग की स्थिति में बदलाव आया है। अब बच्चे व बच्चियों को ट्रेन या हवाईजहाज से नहीं बल्कि सड़क मार्ग से ट्रैफिकिंग किया जा रहा है। ऐसी परिस्थिति में आयोग टोल गेट के कर्मियों को भी प्रशिक्षण कराने का कार्य करेगी। पद्मश्री सुनीता कृष्णन ने कहा कि बच्चों की तस्करी एक गंभीर समस्या है, इसे ख़त्म करने के लिए तेजी से कार्य किये जा रहे है। उपायुक्त सूरज कुमार ने सभी को अश्वस्त करते हुए कहा कि बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण को लेकर जिला प्रशासन संवेदनशील है।